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Breast Cancer Awareness Month: 29 में से 1 महिला को होता है ब्रेस्ट कैंसर, निदान में देरी से जा सकती है जान

Breast Cancer Awareness Month: 29 में से 1 महिला को होता है ब्रेस्ट कैंसर, निदान में देरी से जा सकती है जान
एडवांस स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कितना संभव?

कैंसर के इस रूप ने सर्वाइकल कैंसर को भी पीछे छोड़ दिया है। आज महिलाओं के सभी प्रकार के कैंसर में से 30% मामले ब्रेस्ट कैंसर के हैं। भारत में प्रति 100,000 महिलाओं में से 40 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है और 50% से अधिक रोगी बीमारी के एडवांस स्टेज में निदान के लिए आते हैं।

Written by Anshumala |Published : October 28, 2021 2:19 PM IST

Breast Cancer Treatment: अक्टूबर महीने को 'स्तन कैंसर जागरूकता माह' (Breast Cancer Awareness Month 2021) के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में महिलाओं को प्रभावित करने वाले कैंसर का सबसे आम रूप ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) है। अनुमान है कि हर 29 में से 1 महिला को उसकी पूरी जिंदगी में एक बार ब्रेस्ट कैंसर होता है। 2020 में भारत में कुल 1.78 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer in Women) से पीड़ित थीं। इनमें से 40% से ज्यादा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता उसके एडवांस स्‍टेज (स्टेज 3 या 4) में जाकर होता है। मौजूदा महामारी के कारण अनेक बाधाएं उत्पन्न हो गई हैं। इससे निदान में देरी हो रही है और उपचार के पालन में कमी आ रही है। नतीजतन, ग्रामीण और शहरी इलाकों में सीमित जांच और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही जैसी चुनौतियां बढ़ गई हैं। इन सभी कारणों से रोग के एडवांस स्‍टेज में मरीज के जीवित रहने की दर कम हो जाती है।

प्रति 100,000 महिलाओं में से 40 में ब्रेस्ट कैंसर

सर गंगा राम हॉस्पिटल (दिल्ली) के सीनियर कंसल्‍टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. श्याम अग्रवाल का कहना है, 'आजकल दिल्ली और देश भर में ब्रेस्ट कैंसर का उभार कैंसर के सबसे आम रूप में हुआ है। कैंसर के इस रूप ने सर्वाइकल कैंसर को भी पीछे छोड़ दिया है। आज महिलाओं के सभी प्रकार के कैंसर में से 30% मामले ब्रेस्ट कैंसर के हैं। भारत में प्रति 100,000 महिलाओं में से 40 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है और 50% से अधिक रोगी बीमारी के एडवांस स्‍टेज में निदान के लिए आते हैं। देर से होने वाले निदान की यह प्रवृत्ति देश के अधिक दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त है। इसके पीछे निरक्षरता, सीमित सुविधाएं और सामाजिक कलंक के डर जैसे कारण हैं।

कैसे करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान

  • स्तन कैंसर के शीघ्र पहचान के लिए 40 वर्ष की आयु के बाद विशेष रूप से मेनोपॉज के दौरान महीने में एक बार स्तन की खुद से जांच करें। साथ ही चिकित्सीय चेकअप भी कराएं।
  • इसके अलावा मैमोग्राम कराने से रोग के निदान में मदद मिलती है।
  • निदान की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी अनिवार्य है। डायग्‍नोस हो जाने पर एक्स-रे, बोन स्कैन, अल्ट्रासाउंड और विभिन्न रिसेप्टर टेस्ट समेत कई टेस्ट किए जा सकते हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि रोग शरीर में कहां तक फैला है।

ब्रेस्ट कैंसर का उपचार

  • डॉ. अग्रवाल कहते हैं, कई एडवांस केसेस में भी विशेष रूप से जहां मेटास्टेसिस नहीं हो रहा है, वहां रोग को ठीक करना संभव हो सकता है।
  • स्तन कैंसर के उपचार में कीमोथेरपी, सर्जरी, विकिरण प्रक्रियाएं या हार्मोनेल/लक्षित उपचार शामिल हैं।
  • प्रारंभिक अवस्था में आरोग्य की दर 90% से अधिक है। उपचार के तौर-तरीके व्यक्तिगत मामले के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं जैसे कि रोग शरीर के विभिन्न भागों में फैल गया हो और इसे ऑपरेशन के अयोग्य मान लिया गया हो।
  • विशेष रूप से उन रोगियों के लिए जिनका एस्ट्रोजेन रिसेप्टर पॉजिटिव है, हार्मोनल थेरेपी के नए लक्षित उपचार की पेशकश की जाती है।
  • इस तरह के उपचारों के प्रति 80 से 90% तक रोगी में सकारात्मक प्रतिक्रिया होती है और वे बेहतर गुणवत्ता के साथ कई वर्षों तक सामान्य जीवन जी सकते हैं।
  • कई एडवांस्‍ड मामलों के लिए कीमोथेरेपी के साथ लक्षित दवाइयां समान परिणाम देती हैं। इस तरह के नवाचारों के साथ कैंसर को एक पुरानी बीमारी के रूप में देखा जा सकता है, जिसे ठीक और नियंत्रित किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के कई विकल्प उपलब्ध

मरीज के विशिष्ट मामले के आधार पर स्तन कैंसरके इलाज (Breast cancer Treatment) के लिए अनेक प्रकार के विकल्प उपलब्ध हैं। इन विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी, एडवांस्ड टारगेटेड थेरेपी और हार्मोनल थेरेपी सम्मिलित हैं। इन उपचारों को स्तन कैंसर के उन्नत मामलों के लिए विशेष कर सामान्य रूप से कार्यशील कोशिकाओं को क्षति पहुंचाए बिना कैंसर को सिकोड़ने या असामान्य स्तन कैंसर कोशिकाओं पर प्रहार करने के लिए अपनाया जा सकता है। नई-नई लक्षित थेरेपी की प्रगति के कारण प्रतिकूल साइड इफेक्ट भी कीमोथेरेपी जैसी ज्यादा परम्परागत उपचार पद्धति के साइड इफेक्ट से कम होती है।

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आज मरीजों और उनकी देखभाल करने वाले परिजनों को एडवांस स्टेज में उपलब्ध स्तन कैंसर के इलाज की जानकारी देने की काफी जरूरत महसूस की जा रही है। अगर आप ब्रेस्ट कैंसर के एडवांस स्टेजकी मरीज हैं, तो अपनी बीमारी का बेहतर ढग से प्रबंधन करने के लिए अपने कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें, जिससे आप परेशानी पैदा करने वाले लक्षणों को कम कर बेहतर जीवन स्तर और देखभाल की सुविधा हासिल कर सकती हैं।