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हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप, इसे हाइपरटेंशन (Hypertension) भी कहते हैं, एक सामान्य बीमारी है जो दुनियाभर में करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसे अक्सर ''साइलेंट किलर" भी कहा जाता है, क्योंकि यह हृदय रोग, स्ट्रोक (पक्षाघात) और गुर्दे की विफलता (किडनी फेलियर) जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हाल के आंकड़ों (विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में हर 4 वयस्कों में से कम से कम एक हाइपरटेंशन की बीमारी से ग्रस्त है और केवल 12% लोगों का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) नियंत्रण में होता है।
दाईं और बाईं बांह पर मापे गए ब्लड प्रेशर में 10-20 एमएम का अंतर होता है। आम तौर पर दाईं बांह पर लिया गया ब्लड प्रेशर अधिक होता है। यदि दोनों बांह पर मापे गए ब्लड प्रेशर का अंतर इससे भी ज़्यादा हो तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
सटीक रीडिंग प्राप्त करने के लिए सही आकार के कफ का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। यदि कफ बहुत छोटा या बहुत बड़ा हो तो इससे रीडिंग की सटीकता पर असर पड़ सकता है। उचित कफ आकार निर्धारित करने के लिए आप आपकी बांह की परिधि माप सकते हैं।
ब्लड प्रेशर को मापते समय सही तरीके का पालन करना आवश्यक है। मापन करने से पहले पूरी तरह शांत और आरामदायक मुद्रा में करीब पांच मिनट बैठें। आपकी बाँह के ऊपरी हिस्से पर कफ लगाएं और सुनिश्चित करें कि य़ह आरामदेह है, यह बहुत कसकर नहीं लगाना चाहिए। आपकी बाँह को हृदय के स्तर पर रखें और ब्लड प्रेशर मापते समय बात करना या हिलना डुलना टालें। ब्लड प्रेशर मापने से 30 मिनट पहले कैफीन का सेवन करने से परहेज़ करें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर और हृदय की गति में वृद्धि होती है।
दिनभर ब्लड प्रेशर में बदलाव होता रहता है। इसलिए, एक दिन में कम से कम दो बार ब्लड प्रेशर मापना सटीक स्थिति बताने में महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, आपके ब्लडप्रेशर का सही आकलन और मापन करने के लिए आपके शेड्यूल (दिनचर्या) के आधार पर हर दिन एक समय की पहचान करें जो आपके लिए सबसे बेहतर है। उदाहरण के लिए, यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत व्यायाम करता है, तो आपको व्यायाम और ब्लड प्रेशर मापने के बीच अंतर रखना चाहिए। व्यायाम करने के 30 मिनट बाद ब्लड प्रेशर मापना आपके लिए सर्वोत्तम समय है।आपकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए एक डायरी या ऐप में रीडिंग दर्ज करें।
वृद्ध मरीज़ों द्वारा पोस्टुरल हाइपोटेंशन (ऐसी स्थिति जब ब्लड प्रेशर कम हो जाता है/स्थितिज अल्परक्तदाब) प्रदर्शित करने की संभावना होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि बढ़ती उम्र के व्यक्तियों में खराब ऑटोनोमिक कंट्रोल (स्वचालित नियंत्रण) के चलते खून शरीर के निचले हिस्से में जमा हो जाता है जिससे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और बिस्तर पर लेटी हुई मुद्रा में और खड़े होकर मापे गए ब्लड प्रेशर की रीडिंग में बड़ा अंतर पाया जाता है।
खुद अपने बीपी का ख्याल रखना एक बेहतरीन तरीका है लेकिन इसे उचित चिकित्सा परामर्श के साथ किया जाना चाहिए। जिन लोगों के परिवार में हाई ब्लड प्रेशर या इससे जुड़ी हुई बीमारियों का इतिहास है उनके लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जाँच करना महत्वपूर्ण है। यदि आपकी ब्लड प्रेशर रीडिंग में 120/80 से ज़्यादा बदलाव तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक पाया जाता है तो आपको डॉक्टर के पास जाना महत्वपूर्ण है। हृदय रोग और पक्षाघात (स्ट्रोक) जैसी विभिन्न बीमारियों केलिए हाई ब्लड प्रेशर एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है।
(Inputs By: Dr. Santosh Kumar Dora, Senior Cardiologist at Asian Heart Institute, Mumbai)
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