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कोरोना पेशेंट के लिए क्यों महत्वपूर्ण है 5वां और 10वां दिन, जानें किस दिन कोरोना से होती है असल लड़ाई की शुरुआत

कोरोना पेशेंट के लिए क्यों महत्वपूर्ण है 5वां और 10वां दिन, जानें किस दिन कोरोना से होती है असल लड़ाई की शुरुआत
कोरोना पेशेंट के लिए क्यों महत्वपूर्ण है 5वां और वां दिन, जानें किस दिन कोरोना से होती है असल लड़ाई की शुरुआत

Coronavirus symptoms: वायरल और फ्लू की तुलना में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिन काफी भ्रामक हो सकते हैं और बहुत से लोगों में इसके हल्के लक्षण दिखाई देते हैं और तो और कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखाई भी नहीं देते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता केवल 5-10 दिनों के बीच ही सबसे अधिक होती है।

Written by Jitendra Gupta |Updated : November 12, 2020 12:33 PM IST

Coronavirus symptoms: कोरोना संक्रमण एक ऐसा संक्रमण है, जो हर व्यक्ति को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है और सभी में इसके लक्षण अलग-अलग दिखाई देते हैं। हालांकि जिनमें कोरोना के विशिष्ट लक्षण होते उन्हें संक्रमण की शुरुआत के कुछ दिनों में वायरल या फ्लू जैसी बीमारी जैसा महसूस होता है। वायरल और फ्लू की तुलना में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिन काफी भ्रामक हो सकते हैं और बहुत से लोगों में इसके हल्के लक्षण दिखाई देते हैं और तो और कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखाई भी नहीं देते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता केवल 5-10 दिनों के बीच ही सबसे अधिक होती है।

एक्सपर्ट की मानें तो  5 से 10 दिन का आपका आइसोलेशन पीरियड भी कोरोना की जटिलताओं को स्पष्ट कर सकता है। कोरोना संक्रमितों के लिए यूं तो 14 दिन का पीरियड बहुत गंभीर माना जाता है लेकिन इनमें से 5वां और 10वां दिन उनके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि ऐसा क्यों होता है और इस संक्रमण से निकलने में संक्रमितों को कितने दिन तक लग सकते हैं।

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5वां और 10वां दिन जरूरी क्यों

जब कोई व्यक्ति कोरोना के लक्षणों का अनुभव करता है या उसमें संक्रमण का पता चलता है तो उसे सबसे पहले अपने भीतर दिखाई देने वाले लक्षणों को ट्रैक करना चाहिए और साथ ही दिनों को याद करना चाहिए कि किस दिन उसमें कौन सा लक्षण दिखाई दे रहा है।

ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर लोगों के शरीर के अंदर वायरस घुसने के 2-3 दिन बाद लक्षण विकसित होना शुरू होते हैं। शुरू में संक्रमण का पहला संकेत वायरल रिएक्शन के रूप में आता है और इसलिए ज्यादातर लोगों को ये एक वायरल बुखार की तरह लगता है। दूसरे चरण में हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होना शुरू होता है।

जब हमारा इम्यून सिस्टम, संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करना शुरू करता है तो ये जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाता है और तबीयत जरूरत से ज्यादा बिगड़ने का कारण बन सकता है। इसकी शुरुआत छठें या सातवें दिन से हो सकती है। यही वह समय होता है, जब कई लोगों के लिए कोरोना से असल लड़ाई शुरू होती है।

5 से 10 दिन कोरोना संक्रमितों के लिए वह समय होता है, जब अधिकांश लोग संक्रमण के लक्षणों की एक 'दूसरी लहर' से पीड़ित होते हैं, जो सबसे अधिक गंभीर हो सकता है। इस समय संक्रमण एक पैटर्न के अनुसार चलता है और हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

मौजूदा वक्त में अब डॉक्टर ये देख रहे हैं कि अधिक से अधिक लोग संक्रमण के दूसरे सप्ताह में गंभीर लक्षणों के साथ आ रहे हैं, जिसमें निमोनिया जैसी जटिलताएं शामिल हैं।

संक्रमण से उबरने में लगता है कितना समय?

अधिकांश लोगों को कोरोना संक्रमण के लक्षणों को दूर करने और फिर से ठीक होने के लिए एक सप्ताह का समय या फिर दस दिन तक लग सकते हैं। इतने दिनों में वे लोग ठीक हो पाते हैं, जिनमें संक्रमण का स्तर हल्का या मध्यम होता है।

हालांकि, जो लोग गंभीर रूप से संक्रमण से पीड़ित होते हैं उन्हें वास्तव में दिक्कत 5 से 10 दिनों में सबसे ज्यादा होती है। उन्हें इस समय ही वास्तविक समस्याओं का सामना करना होता है। उन्हें संक्रमण के शुरुआती दिनों से बहुत अलग सा महसूस हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मरीजों में लक्षण ज्यादा बेहतर तरीके से दिखाई देते हैं और उनमें लक्षणों की दूसरी लहर की चपेट में आने से पहले संतुलन बनाने वाली चीजें करनी चाहिए।

एक्सपर्ट, अब मरीजों को ठीक होने के दौरान सावधानी बरतने की चेतावनी दे रहे हैं। अन्य बीमारियों या वायरल संक्रमण के विपरीत इसका पता एक सप्ताह बाद ही चल पाता है, जिसके कारण अधिकांश रोगियों को लक्षणों की जांच करने और ध्यान देने के लिए कहा जाता है कि वे कैसा महसूस करते हैं। यह एक तरीका है, जो दर्शाता है कि वास्तव में आपका संक्रमण कितना हल्का या गंभीर है।