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शतावरी (Shatavari) एक औषधीय पौधा है। यह कई रोगों के इलाज में काफी उपयोगी साबित होती है। वर्षों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता आ रहा है। शतावरी में मौजूद गुण कई तरह की शारीरिक समस्याओं को चुटकी में दूर कर देते हैं। यह एक झाड़ीनुमा पौधा है। एक शोध के अनुसार, शतावरी (Shatavari Benefits) की जड़ में इतने गुण छिपे होते हैं कि यह दिल के रोगों में बेहद प्रभावी होते हैं। स्वाद में कड़वी शतावरी वायु और पित्त नाशक होती है। पुरुषों को शारीरिक ताकत देती है, ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करती है, आंखों की दृष्टि बढ़ाती है। इसके अलावा भी शतावरी के कई सेहत (Shatavari Benefits) लाभ होते हैं।
1 यदि आपको रात में नींद सही तरीके से नहीं आती तो शतावरी की जड़ का सेवन करें। इसके लिए आप इसके जड़ को किसी भी भोजन में मिलाकर पकाएं या खीर की तरह पका लें। इसमें गाय का घी भी मिला दें। इससे सारी चिंता और तनाव दूर होगी और आपको रात में गहरी नींद आएगी।
2 पीरियड्स के दिनों में अक्सर महिलाएं दर्द, ऐंठन से परेशान रहती हैं। इसके सेवन से दर्द से छुटकारा मिलेगा। यदि आपका वजन बढ़ रहा है, तो भी यह फायदेमंद है।
3 माइग्रेन का दर्द जब भी सताए, तो शतावरी का जड़ को लेकर मोटा कूट लें। इसके रस को निचोड़ लें। इसमें बराबर मात्रा में तिल का रस मिलाकर पका लें। इस मिश्रण के सेवन से माइग्रेन या किसी भी तरह के सिर दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
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4 डिलीवरी के बाद बच्चे को स्तनपान कराते समय दूध सही ढंग से नहीं आ रहा है, तो भी शतावरी का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसकी जड़ों को धूप में सुखाकर चूर्ण बना लें या फिर बाजार से खरीद लें। इस चूर्ण को दिन में तीन-चार बार लेती रहें। दूध आने की मात्रा बढ़ जाएगी।
5 शतावरी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी हेल्दी होती है। शतावरी की जड़ों के चूर्ण को दूध में डालें। इसमें थोड़ा सा चीनी मिलाएं और पी जाएं। डायबिटीज कंट्रोल में रहेगा।
6 पेशाब करते समय खून आए, तो शतावरी का सेवन करें। पेशाब में खून आना बंद हो जाएगा। वैसे, इस समस्या को नजरअंदाज करना ठीक नहीं। यदि समस्या इसके बाद भी बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
7 शतावरी की तासीर ठंडी होती है। यह जलन, पेट के अल्सर और बुखार को भी कम करने में सहायक है।