अगस्त महीने को ''सोरायसिस अवेयरनेस मंथ'' (Psoriasis Awareness Month in hindi) के तौर पर मनाया जाता है। सोरायसिस त्वचा से संबंधित एक बीमारी है, जिसमें त्वचा पर एक मोटी परत जम जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोरायसिस (Psoriasis Awareness Month in hindi) एक वंशानुगत बीमारी है। इस रोग में त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते उभर आते हैं। इसमें जलन और खुजली भी बहुत होती है। यह शरीर की त्वचा के अलावा स्कैल्प, हथेलियों, तलवों, कोहनी, घुटनों और पीठ पर भी होता है।
ज्यादातर यह बीमारी अनुवांशिक और इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से होती है। साथ ही पर्यावरण भी एक बड़ा कारण है। यह किसी को भी हो सकती है। सर्दियों के मौसम में यह बीमारी ज्यादा होती है।
सोरायसिस में त्वचा पर लाल दाग और मोटे चकत्ते उभर आते हैं। इसमें त्वचा पर अधिक खुजली होती है। एक आंकडे के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 1 फीसदी लोग इस चर्मरोग से पीड़ित हैं। भारत में भी कुल जनसंख्या में से लगभग 1 फीसदी लोग सोरायसिस से पीड़ित हैं। ऐसा नहीं है कि यह रोग लाइलाज है। इसका उपचार संभव है लेकिन रोग को बढ़ने से पहले ही उपचार किया जाना जरूरी होता है।
सोरायसिस कोई छूत की बीमारी नहीं है। ये ज्यादातर पौष्टिक आहार ना लेने की वजह से होती है। यदि आपके खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी है और आप घी-तेल भी बिल्कुल ना के बराबर खाते हैं तो आपको यह रोग हो सकता है। सोरायसिस त्वचा पर मॉश्चराइजर ना लगाने, त्वचा को चिकनाहट और पर्याप्त नमी ना मिलने के कारण भी होता है। त्वचा की देखभाल ना करना, बहुत अधिक तेज धूप में बाहर रहना, सुबह की हल्की धूप का सेवन न कर पाना इत्यादि कारणों से सोरायसिस की समस्या होने लगती है।
त्वचा पर छिल्केदार, लाल पपड़ी जमना।
त्वचा के किसी एक हिस्से से शुरू होकर बाद में अन्य भागों में फैल जाना।
कोहनी, घुटनों, कमर इत्यादि जगहों पर अधिक होना।
मौसम परिवर्तन से सोरायसिस होना, सर्दियों में अधिक बढ़ना।
त्वचा पर उपरोक्त बताए गए कोई भी लक्षण नजर आएं, त्वचा पर खुजली, जलन हो, लाल चकत्ते नजर आएं तो बिना देर किए विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। थ्रोट इंफेक्शन से बचें। तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करें, क्योंकि थ्रोट इंफेक्शन और स्ट्रेस सीधे-सीधे सोरायसिस को प्रभावित कर रोग के लक्षणों में वृद्धि करता है। त्वचा को खुश्क न होने दें। खुश्क त्वचा में खुजली अधिक होती है।
सोरायसिस के उपचार में डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटिसोरियेटिक क्रीम/ लोशन/ ऑइंटमेंट का ही यूज करें। खुद से दवा और लोशन लगाने से बचें। रोग की तीव्रता न होने पर साधारणतः मॉइस्चराइजिंग क्रीम इत्यादि से रोग नियंत्रण में रहता है।
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