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सिजोफ्रेनिया की बीमारी को कंट्रोल में करने के लिए कैसे होना चाहिए डायट?

सिजोफ्रेनिया की बीमारी को कंट्रोल में करने के लिए कैसे होना चाहिए डायट?

डायट में कौन-सा विटामिन लेना अच्छा होता है?

Written by Agencies |Published : February 20, 2017 2:27 PM IST

सिजोफ्रेनिया एक विशेष प्रकार की मानसिक स्थिति होती है जहां वह लोगो ंके साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं, समाज से दूर रहना पसंद करते हैं। वे अपनी अजीब कल्पनाओं के बीच रहना पसंद करते हैं। कुछ लोगो की भूख मर जाती है। सिजोफ्रेनिया के मरीज अपनी  भावनाओं को कंट्रोल में रख पाते हैं कभी तो ये खुश रहते हैं तो कभी उदास। लेकिन ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर में अध्ययन के मुख्य लेखक जोसेफ फर्थ के अनुसार इसके लक्षणों को आप डायट में विटामिन बी के उच्च खुराक से कंट्रोल में ला सकते हैं।

यानि कहने का मतलब है कि गंभीर मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया के मरीजों का इलाज विटामीन-बी (बी6, बी8 तथा बी12) के उच्च खुराक से करने से इस रोग के लक्षणों में कमी आ सकती है। शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है। सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जो रोगी की सोचने-समझने, महसूस करने तथा व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करती है। निष्कर्षो के मुताबिक, सिजोफ्रेनिया के लक्षणों को कम करने में विटामिन बी की उच्च खुराक बेहद कारगर है, जबकि इसकी कम खुराक उतना कारगर नहीं है।

ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर में अध्ययन के मुख्य लेखक जोसेफ फर्थ ने कहा, "सिजोफ्रेनिया के मरीजों को दिए गए विटामिन तथा मिनरल पूरकों के चिकित्सा परीक्षण के मुताबिक, विटामिन बी का मरीज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसके लक्षणों में कमी आती है।" वर्तमान में इसका इलाज एंटीसाइकोटिक दवाओं के माध्यम से किया जाता है। इन दवाओं से सिजोफ्रेनिया के मरीजों को शुरुआती कुछ महीनों तक तो लाभ मिलता है, लेकिन पांच साल के अंदर ये दवाएं अप्रभावी हो जाती हैं। फर्थ ने कहा, "विटामिन बी की उच्च खुराक सिजोफ्रेनिया के मरीजों को लक्षणों से निजात दिलाने में कारगर साबित हो सकती है।"

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यह अध्ययन सायकोलॉजिकल मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

मूल स्रोत: IANS Hindi

चित्र स्रोत: Shutterstock