अपनी नैचुरल एक्टिंग के लिए भारत और हॉलीवुड में पसंद किए जाने वाले अभिनेता इरफान खान (Irfan Khan) का निधन हो गया। मंगलवार 28 अप्रैल को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें कोलोन इंफेक्शन की शिकायत थी जिसके, चलते उन्हें हॉस्पिटलाइज किया गया था। बुधवार दोपहर मीडिया को जानकारी दी गयी कि इरफान खान की मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु की वजह कोलोन इंफेक्शन और डायरिया बताए जा रहे हैं। लेकिन, इस टैलेंटेड अभिनेता ने बड़ी ही हिम्म के साथ न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी बीमारी का सामना किया था ।(Neuroendocrine Tumor)
मार्च 2018 में पता चला कि अंग्रेज़ी मीडियम एक्टर इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Neuroendocrine Tumor) है। इस ट्यूमर के ट्रीटमेंट के लिए इरफान लंदन गए और तकरीबन डेढ़ साल बाद सितंबर 2019 में पूरी तरह ठीक होकर वापस भारत आए।
यह ट्यूमर व्यक्ति एंडोक्राइन सिस्टम में सेल्स को होने वाले डैमेज से शुरु होता है। जहां, क्षतिग्रस्त सेल्स में बेतहाशा ढंग से बदलाव होता है और ये डेड या डैमेज़्ड सेल्स जमा होकर एक गांठ का आकार ले लेते हैं। इस ट्यूमर से हार्मोन्स का निर्माण प्रभावित करता है। जिसमें अंत: स्रावी ग्रंथियों के कार्य पर असर पड़ता है। गौरतलब है कि ये ग्लैंड्स या ग्रंथियां नर्वस सिस्टम द्वारा कंट्रोल की जाती हैं और शरीर में हार्मोन्स के प्रसार के संकेत देती हैं। एक्सर्ट्स के अनुसार न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर ट्यूमर के उन टाइप्स में से है जिन्हें रेयर या दुर्लभ माना जाता है। यह किसी भी बॉडी पार्ट में हो सकता है। लेकिन, आमतौर पर यह ट्यूमर लंग्स, अग्नाशय, छोटी आंत, अपेन्डिक्स और रेक्टम पर असर डालता है।
हालांकि, कुछ मामलों में न्यूरोएंड्रोकाइन ट्यूमर अनुवांशिक कारणों यानि जेनेटिक्स की वजह से हो सकता है। लेकिन, इसके अलावा रोग-प्रतिरोधक शक्ति (इम्यून सिस्टम) के वीक होने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
सूरज की अल्ट्रा-वायलेट किरणों के अधिक सम्पर्क में रहने से भी कई प्रकार की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की एक वजह धूप भी हो सकती है।
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