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Diabetes Management: डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने और बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी के लिए खाएं आंवला

ब्लड शुगर लेवल कम करने के घरेलू तरीके ।

आयुर्वेद की मदद से डायबिटीज़ का इलाज करने के लिए आंवले के सेवन की सलाह दी जाती है।  कुछ स्टडीज़ में भी यह बात कही गयी है कि आंवले का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम होता है। इसीलिए, डायबिटीज़ मैनेजमेंट मे यह फल मदद करता है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : June 8, 2020 2:25 AM IST

Amla benefits for Diabetics: आंवला एक ऐसा फल है जो विटामिन सी (Vitamin C Rich Fruit) से समृद्ध होता है। आंवले को इम्यूनिटी बूस्ट (Immunity Boosting Food) करने के लिए खाया जाता है। इसके अलावा, यह आंखों, स्किन और बालों की सेहत भी सुधारता है। पर डायबिटीज़ यानि हाई ब्लड शुगर से परेशान लोगों के लिए यह एक बहुत ही उपयोगी औषधि के तौर पर भी काम करता है। क्योंकि, यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायता करता है। एक्सर्ट्स आयुर्वेद की मदद से डायबिटीज़ का इलाज करने के लिए आंवले के सेवन की सलाह दी जाती है।  कुछ स्टडीज़ में भी यह बात कही गयी है कि आंवले का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम होता है। इस तरह डायबिटीज़ मैनेजमेंट मे यह फल मददगार होता है।

जैसा कि भारतीय परिवारों में घरेलू नुस्खों के तौर पर आंवले का रस डायबिटीज़ कंट्रोल करने के लिए पिया जाता रहा है। इसीलिए, ब्लड शुगर लेवल जब बहुत हाई हो तो, लोग  आंवले का रस, फल, अचार और यहां तक कि इस फल के सूखे टुकड़ों का सेवन करते हैं, जो कि पूरी तरह से फायदेमंद होता है।  आइए जानते हैं क्यों आंवला है डायबिटिक्स के लिए बेस्ट -

कैसे करता है आंवला डायबिटिक्स के मदद (Amla benefits for Diabetics):

दरअसल, अमला या आंवले में मौजूद विटामिन सी एक स्ट्रॉन्ग एंटी-ऑक्सिडेंट (Antioxidant) है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से भी रोकता है। इसी तरह आंवले में विटामिन ए, विटामिन बी, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्‍निशियम भी होता है। इसमें, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डायूरेटिक एसिड की मात्रा भी काफी ज़्यादा होती है।

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  • ब्लड शुगर लेवल होता है कम:  आंवले का जूस पीने से ब्लड में शुगर लेवल कम होता है। जिससे, डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद होती है।
  • इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है: आंवले में क्रोमियम होता है जो, इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने का काम करता है। यह इंसुलिन का निर्माण करने वाले सेल्स को उत्तेजित करता है। जिससे, इंसुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती है। इस हरे फल में पॉलिफेनॉल्स भी होते हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करते हैं।  इसी तरह यह रक्त में इंसुलिन को घुलने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है।
  • डिटॉक्‍स: कई प्रकार के एंटी-बैक्टेरियल तत्व होते हैं आंवले में। जो, बैक्टेरिया और फंगल इंफेक्शन से लड़ने के लिए शरीर की क्षमता बढ़ाते हैं। ये तत्व शरीर को डिटॉक्स करने में भी सहायता करते हैं और बॉडी में जमा विषैले तत्वों को बाहर फेंकते हैं।

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