सर्दियों का मौसम कुछ लोगों के लिए एलर्जी का करण बन जाता है। कई बार सर्दी से होने वाली यह एलर्जी बहुत गंभीर हो जाती है। हल्की सर्दी में प्रदूषक हवा में बने रहते हैं और कई तरह की एलर्जी का कारण बन जाते हैं। सर्दियों में एलर्जी और सर्दी-जु़काम को समझना मुश्किल हो सकता है। दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं जैसे छींके आना, जुकाम, नाक बहना, छाती में घरघराहट लेकिन सर्दी-जु़काम के साथ अक्सर वायरल इन्फेक्शन भी होता है, जबकि एलर्जी में आपके शरीर का इम्यून सिस्टम किसी भी एलर्जन के लिए अलग प्रतिक्रिया देते हैं। सर्दी और जुकाम के साथ कभी-कभी मरीज को बुखार और दर्द भी होता है। ऐसा आमतौर पर एलर्जी में नहीं होता। जेपी हॉस्पिटल, नोएडा के इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. आरएसके सिन्हा बता रहे हैं सर्दियों में होने वाली एलर्जी और उसके बचाव के बारे में...
सर्दियों में आमतौर पर होने वाली एलर्जी
त्वचा की एलर्जीः सर्दियों में त्वचा की एलर्जी बहुत आम है जैसे एग्जीमा, एटोपिक डर्मेटाइटिस और काॅन्टैक्ट डर्मेटाइटिस। इस तरह की एलर्जी में त्वचा जब भी एलर्जन के संपर्क में आती है, त्वचा पर खुजली और लाल रैश हो जाते हैं। ये लक्षण एलर्जन के संपर्क में आने के तुरंत बाद या कुछ दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं।
छाती में घरघराहटः छाती में अकड़न, घरघराहट, सांस लेने में परेशानी और खांसी ये सभी सांस की एलर्जी के लक्षण हैं। सर्दियों में लोग ज्यादातर घर के अंदर बिताते हैं। ऐसे में एलर्जन के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाती है।
कन्जंक्टिवाइटिस: आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली आदि कन्जंक्टिवाइटिस के लक्षण हैं। एलर्जिक कन्जंक्टिवाइटिस संक्रामक नहीं होता। यह सर्दियों में होने वाली एक तरह की एलर्जी है, जिसके साथ खांसी और नाक बहना भी आम लक्षण है।
ऊनः ऊन से बुने स्वेटर, जर्सी, स्कार्फ आदि हमें सर्दी से बचाते हैं लेकिन ये कभी कभी त्वचा के लिए एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे कपड़े पहनने से कुछ लोगों को त्वचा पर खुजली, एलर्जिक डर्मेटाइटिस हो सकता है। इसलिए अच्छी ऊन खरीदें, जिसमें रसायनों का इस्तेमाल न किया गया हो। अगर आप काॅन्टैक्ट डर्मेटाइटिस से पीड़ित हैं तो ऊनी कपड़े न पहनें। इसकी बजाए आप सिंथेटिक वूल, काॅटन या अन्य मैटीरियल से बने कपड़े पहन सकते हैं।
[caption id="attachment_632212" align="alignnone" width="655"]पालतू जानवरों के फर या रोएंः बहुत से लोगों को जानवरों के रोएं से नहीं बल्कि उनके बालों, लार और यूरीन से एलर्जी होती है। सर्दियों में इसकी संभावना बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में आपका पालतू जानवर भी घर में ज्यादा समय बिताता है। आप इन दिनों अपने घर के खिड़कियों दरवाजे बंद रखते हैं यानी सर्दियों में घर के अंदर वेंटीलेशन कम हो जाता है इसलिए वैक्यूम करें, अपने पालतू जानवरों को बेडरूम से बाहर रखें और सोफे आदि पर न बैठने दें।
एलर्जन से कैसे बचें
1. अपने घर में से वाॅल टू वाॅल कारपेट हटा दें। जानवरों के रोएं, धूल आदि कारपेट या कालीन में फंस लाते हैं और एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
2. पालतू जानवरों के संपर्क में आने से बचें। उन्हें अपने बेडरूम में न आने दें।
3. अपने जानवर को सप्ताह में एक बार जरूर नहलाएं। अगर हो सके तो उसके रोएं को धोकर साफ करें।
4. अपने पालतू जानवर के साथ खेलने के बाद अपने नहा लें। अपने बाल धोएं और कपड़े बदल लें। इसके बाद ही सोने के लिए बिस्तर पर जाएं।
5. तकिए, गद्दे आदि के कवर ऐसे हों जो अपने आप में धूल को न सोखें।
6. बाथरूम या किचन को गीला न रहने दें क्योंकि गीली जगह पर मोल्ड जल्दी पनपता है जो एलर्जी का कारण बन सकता है।
7. हवा में सूखापन दूर करने के लिए ह्युमिडीफायर का इस्तेमाल करें, लेकिन ध्यान रखें कि नमी बहुत ज्यादा भी न बढ़ जाए। अधिक नमी और मध्यम तापमान में कीटाणु और मोल्ड जल्दी पनपते हैं। नमी 50 प्रतिशत से ज्यादा न होने दें।
8. अगर आप रूम हीटर का इस्तेमाल कर रहे हें तो इसका फरनेन्स फिल्टर बदलते रहें, ताकि आपके घर की भीतरी हवा साफ रह सके।
10. सही आहार लें। ग्रीन टी सर्दियों में आपकी सेहत के लिए अच्छी है। कुछ लोगों को खीरा, आइसक्रीम, केला, चीज योगहर्ट से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है और अस्थमा जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ओमेगा-3 और एंटीऑक्सीडेन्ट से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। आप एलर्जी से सुरक्षित रह सकते हैं। खूब पानी पीएं और आराम करें।
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