यह सच है कि भारत के ज्यादातर राज्यों में शराब पीना लीगल है। हालांकि इसके लिए उम्र सीमा नियम और कानून पूरी तरह से बने हुए हैं जिनका सभी को पालन भी करना चाहिए। लेकिन एक सरकारी आंकड़े ने इस बात की पोल खोल दी है कि लोग शराब पीने और नशा करने के खिलाफ बने कानून और सजा से डर तो लोग उनसे इत्तेफाक़ भी नहीं रखते हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 1.48 करोड़ बच्चे अलग-अलग तरह के नशे की गिरफ्त में हैं। शराब अल्कोहल अफीम कोकीन और भांग आदि