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Types of Eczema in hindi : शरीर पर दिखाई देने वाले ये रैशेज एक-दो नहीं बल्कि 7 तरह के एक्जिमा का हैं संकेत, जानिए बचाव के आसान तरीके

Types of Eczema in hindi : शरीर पर दिखाई देने वाले ये रैशेज एक-दो नहीं बल्कि 7 तरह के एक्जिमा का हैं संकेत, जानिए बचाव के आसान तरीके
शरीर पर दिखाई देने वाले ये रैशेज एक-दो नहीं बल्कि 7 तरह के एक्जिमा का हैं संकेत, जानिए बचाव के आसान तरीके

एक्जिमा (Eczema) वाले लोगों को अक्सर स्किन में खुजली, जलन और रेड स्किन की प्रॉब्लम होती है। आपको बता दें कि एक्ज्मिा (Eczema) सिर्फ 1 प्रकार का नहीं पूरे 7 प्रकार का होता है। हर प्रकार के लक्षण और कारण अलग अलग होते हैं।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : May 25, 2022 6:43 PM IST

Types of Eczema in hindi :  अगर आपको स्किन में बार बार खुजली, जलन और लाल होती है तो ये एक्जिमा का लक्षण (Symptoms of Eczema) हो सकता है। वैसे तो एक्जिमा (Eczema) होने की संभावना छोटे बच्‍चों को ज्‍यादा होती है लेकिन यह एडल्‍ट और बुजुर्गों को हो सकता है। एक्जिमा को कभी-कभी एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी कहते हैं, जो एक्जिमा (Eczema) का बहुत कॉमन प्रकार है।

एक्जिमा (Eczema) वाले लोगों को अक्सर स्किन में खुजली, जलन और रेड स्किन की प्रॉब्‍लम होती है। आपको बता दें कि एक्ज्मिा (Eczema) सिर्फ 1 प्रकार का नहीं पूरे 7 प्रकार का होता है। हर प्रकार के लक्षण और कारण अलग अलग होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्‍तार से-

कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जो सभी प्रकार के एक्जिमा (Types of Eczema) में सामान्‍य होते हैं:

  • ड्राई स्किन
  • रेडनेस
  • जलन, जो एक वक्‍त के बाद काफी बढ़ जाती है

ये हैं एक्जिमा के 7 प्रकार (Types of Eczema)

1. एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic dermatitis)- यह एक्जिमा का सबसे कॉमन प्रकार है। बच्‍चों को एक्जिमा का ये प्रकार सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है। अगर किसी बच्‍चे को यह अगर बचपन में हो जाए तो यह एडल्‍ट होने तक ठीक होता है। इसके लिए अभी तक कोई इलाज नहीं उपलब्‍ध नहीं है। लेकिन बचाव कर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। इससे बचाव में आप नियमित रूप से त्‍वचा को मॉइस्‍चराइज करना, साबुन का कम प्रयोग और खुद को डीहाइड्रेट रखकर कर सकते हैं।

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2. कान्‍टेक्‍ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis)- अगर आपको किसी चीज को छूने से स्किन में जलन, खुजली और पपड़ी बनने की समस्‍या हो रही है तो आपको एक्जिमा का कान्‍टेक्‍ट डर्मेटाइटिस प्रकार हो सकता है। इसके लक्षणों में स्किन का लाल होना, खुजली होना और स्किन में बम्‍प्‍स बनना शामिल हैं। यह समस्‍या साबुन, पेंट, जूलरी, परफ्यूम, स्किन केयर प्रॉडक्‍ट और सिगरेट के सेवन से हो सकती है।

3. डिसहाइड्रियॉटिक एक्जिमा (Dyshidrotic eczema)- डिसहाइड्रियॉटिक एक्जिमा होने पर पैर के तलवों और हाथ की हथेलियों पर छोटे छोटे छाले निकल जाते हैं। कुछ लोग इन्‍हें पानी की थैलियां भी बोलते हैं। इनमें खुजली होती है और जब ये फूट जाते हैं तो इनमें जलन होने लगती है। एक्जिमा का ये प्रकार मौसम बदलने के दौरान खूब होता है। इसे सही होने में कई बार महीनों और कई बार सालभर से भी ज्‍यादा समय लग जाता है। इसके लक्षणों में अंगुली, पैर के तलवों और हथेली में छाले बनना, स्किन का फटना और दरार पड़ता शामिल है। यह समस्‍या एलर्जी, गीले हाथ-पैर, स्‍ट्रेस और गलत स्किन प्रॉडक्‍ट के कारण हो सकती है।

4. हैंड एक्जिमा (Hand eczema)- यह सिर्फ आपके हाथों को प्रभावित करता है। यह अक्‍सर उन लोगों को होता है जो कैमिकल के संपर्क में ज्‍यादा रहते हैं। इससे हाथों में जलन और दर्द हो सकता है। हैंड एक्ज्मिा के लक्षणों में हाथों का लाल होना, फटना, जलन होना और स्किन में छाले पड़ना शामिल है। अगर आप हेयरड्रेसिंग, क्लिनिंग, हेल्‍थकेयर या लॉन्‍डरी जैसी कोई जॉब करते हैं तो हाथों में दस्‍ताने पहनने की कोशिश करें। इससे आप हैंड एक्जिमा से बच सकते हैं।

5. न्यूरोडर्मोटाइटिस (neurodermatitis)- यह एटॉपिक डर्मेटाइटिस की तरह होती है। इसमें लाल और पपड़ी जैसे धब्‍बे आपकी गर्दन, कमर, हाथ, पैर और प्राइवेट पार्ट में बन सकते हैं। जिनमें बेहद खुजली होती है।

6. न्यूमुलर एक्जिमा (Nummular Eczema)- जब इस तरह का एक्जिमा होता है तो स्किन पर कॉइन की शेप में स्‍पॉट coin-shaped spots बन जाते हैं। दरअसल लेटिन में कॉइन को न्‍यूमुलर कहते हैं। यह एक्जिमा अन्‍य प्रकार के एक्जिमा से काफी अलग दिखता है। इसके लक्षणों में स्किन में सिक्‍के के आकार में धब्‍बे बनना और उनमें खुजली व जलन होना शामिल है।

7. स्टैटिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis)- स्टैसिस डर्मेटाइटिस तब होता है जब आपकी त्वचा में कमजोर नसों से द्रव बाहर निकलता है। इस द्रव में सूजन, लालिमा, खुजली और दर्द होता है। इसके होने पर आपके पैर के निचले हिस्‍से में सूजन आ सकती है। खासकर जब आप चलते हैं तब यह समस्‍या हो सकती है। आपके पैरों में दर्द और हैवी लगना भी इसका एक लक्षण है।