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महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर के बारे मे सबको पता है। भारत में हर साल स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। स्तन कैंसर की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोशिश की जा रही है। महिलाओं को पहले चरण में स्तन कैंसर का पता चले इसलिए खुद से जांच के लिए हमेशा जागरूक रहना जरूरी है। लेकिन पुरूषों मे होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के बारे में लोग जागरूक नहीं हैं। पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर शीर्घ अवस्था में पता नहीं चलता। इस कारण 40 की उम्र के बाद पुरुषों के लिए प्रोस्टेट कैंसर की जांच कराना जरूरी है ताकि, बीमारी का जल्दी से जल्दी पता चल सके।
दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट यूरोलॉजिस्ट, डॉ. एस. के. पाल का कहना है कि वास्तव में 40 की उम्र के बाद पुरूषों को समय-समय पर अपने प्रोस्टेट स्वास्थ्य को देखना चाहिए क्योंकि वे प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए पीएसए कराना जरूरी है। यह रक्त की जांचऔर इसी जांच से सबसे पहले प्रोस्टेट कैंसर के शुरूआत की जानकारी मिलती है। प्रतिवर्ष पीएसए की जांच कराने से यह पता चलता है या किस गति से बढ़ रहा हैं। इसे पीएसए-वेलॉसिटी कहते हैं। पीएसए के असाधारण गती से बढ़ने पर प्रोस्टेट कैंसर होने वाला हैं यह तीन से पांच साल पहले ही पता चल सकता हैं।
प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर 60 वर्ष की आयु से ऊपर के पुरुषों में देखा जाता है, जिसके लक्षण हैंः
• पेशाब करने में कठिनाई
• पेशाब करने में दर्द होना
• मूत्राशय खाली न होने जैसा महसूस होना
• वीर्य में रक्त आना
• वजन कम होना
• पेशाब से खून आना
• पेशाब रूक-रूक के आना
प्रोस्टेट कैंसर का निदान समय पर नहीं हुआ तो यह कैंसर शरीर के अन्य अंगों में फैलने का खतरा होता है। यदि आपका कैंसर बढ़ गया है तो उसके लिए और उपचार उपलब्ध है। जैसे की, शल्यचिकित्सा, रेडिएशन, कीमोथेरपी, हार्मोनथेरेपी, स्टिरियोटॅक्टिक रेडियोथेरपी और इम्युनोथेरपी से प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जाता है।
• अगर प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित लोगों का शुरुआती चरण में ही निदान हो जाता है तो यह पूर्ण इलाज योग्य हो सकता है।
• उम्र के साथ प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और प्रारंभिक निदान होना जरूरी है, और ऐसा करने का एक सबसे अच्छा तरीका पी.एस.ए. स्क्रीनिंग है।
• प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) ब्लड टेस्ट है और वार्षिक आधार पर एक यूरोलॉजिस्ट द्वारा प्रोस्टेट की डिजिटल रेक्टल जांच, प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती अवस्था का पता लगाने में मदद कर सकती है।
• इसलिए हर साल पुरूषों के लिए प्रोस्टेट कैंसर की जांच करना अनिवार्य करना चाहिए।
पीएसए एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। इस जांच में रक्त का नमूना लेकर टेस्ट ट्यूब में डाला जाता है। और परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। पीएसए स्तर प्रोस्टेट से जुड़े कई अलग-अलग विकारों का संकेत दे सकता है, जिनमें से एक प्रोस्टेट कैंसर है। प्रोस्टेट के संक्रमण, प्रोस्टेट के क्षयरोग या अन्य कई प्रोस्टेट के विकारों में भी पी.एस.ए बढ जाता हैं। जो पुरुष प्रोस्टेट कैंसर होनेके विकास के उच्च जोखिम में हैं, या जिन पुरुषों में लक्षण हैं जो कैंसर का संकेत दे रहे हैं, उन्हें ये परीक्षण हर तीन महिने में कराने की राय दी जाती है। इस तरह से आपको पीएसए परीक्षण के लिए खुद को तैयार करना होगा।
पीएसए परीक्षण के लिए परीक्षण से पहले 48 घंटे तक स्खलन से बचना चाहिए। कुछ दवाएं आपके परीक्षण में बाधा डाल सकती हैं। जैसे की हाल ही में बायोप्सी, प्रोस्टेट सर्जरी या फिर हार्मोनल दवाओं का सेवन किया है तो ऐसे लोगो को कुछ हफ्तों के बाद परीक्षण किया जाना चाहिए। इसलिए आवश्यक है की परीक्षण से पहले आप अपने डॉक्टर से बात करे और इस बारे में अपने सभी संदेह दूर कर सकते हैं।
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