पर्यावरण में वायु प्रदूषण के लेवल में प्रतिवर्ष इजाफा होता है और उसी हिसाब से फेफड़े की बीमारियों में भी बढ़ोत्तरी होती है। बदलते परिवेश में ज्यादातर लोग धूम्रपान की जद में आने की वजह से भी लंग्स की बीमारी से परेशान होते हैं। वायु प्रदूषण की वजह से लंग्स की बीमारी उतनी नहीं होती जितना कि धूम्रपान की वजह से होती है। जब इंसान बार-बार सिगरेट पीता है तो जहरीली गैस लंग्स में जाते ही ब्लड सर्कुलेशन में जाने लगती है और शरीर के सभी अंग में फैल जाती है। तंबाकू में निकोटीन के अलावा अन्य कई खतरनाक