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Ramadan 2023: ताजी सिंकी हुई ब्रेड की महक, ग्रिल पर मसालेदार मीट बनने की आवाज और हर व्यंजन के तरह-तरह के रंग और फ्लेवर की कल्पना कीजिए। इफ्तार का असली मजा यही है। हालांकि, रमज़ान का त्योहार खाने-पीने से ज्यादा बहुत कुछ है। यह आध्यात्मिक विकास का समय है। लोगों का अपने धर्म से फिर से जुड़ने का समय है। अब जल्द ही रमज़ान आने वाला है। इफ्तार के दावत की तैयारियां चल रही हैं। अब यह विचार करना बहुत जरूरी हो गया है कि कैसे हम डायबिटीज से जूझ रहे लोगों और उनका ख्याल रखने वाले लोगों की त्योहार अच्छी तरह मनाने में मदद कर सकते हैं। रमज़ान का रोजा रखना डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी मुश्किल होता है। इसके लिए उन्हें अपने रूटीन और लाइफस्टाइल में भारी बदलाव करना पड़ता है, जिससे दिन भर अपने ग्लूकोज लेवल को ठीक करने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
डॉ. नीति अग्रवाल, डीएनबी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज, दिल्ली ने कहा "जिन लोगों की डायबिटीज ज्यादा नियंत्रित रहती है, उन्हें रमज़ान में लंबे समय तक रोजा रखने के दौरान शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। कई ऐसी सेहतमंद अच्छी आदतें हैं, जिसका सहरी और इफ्तार के दौरान लोगों को पालन करना चाहिए। अपने रोजे के दौरान अपने ब्लड शुगर की निगरानी करना नहीं भूलना चाहिए। आप आसानी से यह कर सकते हैं। आप चलते-फिरते भी यह काम कर सकते हैं क्योंकि अब पारंपरिक ब्लड ग्लूकोज की टेस्टिंग, जिसके लिए उंगली में पिन चुभोनी पड़ती है, के साथ अपना ग्लूकोज लेवल मापने के लिए नई कॉन्टिन्यूस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस के भी विकल्प मौजूद हैं। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह लेनी भी जरूरी है कि आपको इन दिनों में अपनी दवाई में किस तरह बदलाव की जरूरत है।"
जैसे मानकों का ध्यान रखना जरूरी है। टाइम इन रेंज समय का वह भाग होता है, जब व्यक्ति का ग्लूकोज लेवल तय रेंज में होता है (पारंपरिक रूप से 70-180 एमजी/डीएल)। अपनी ब्लड शुगर की रीडिंग को अक्सर जांचते रहना काफी जरूरी है, जिससे आपके ब्लड शुगर लेवल में सुधार आएगा और आपको लंबे समय में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें नहीं होंगी। व्यक्ति का लक्ष्य हर दिन 24 में से 17 घंटे अपनी ब्लड शुगर को रेंज में रखना होना चाहिए। इसके अलावा रमज़ान का त्योहार मनाते समय डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
इस साल रमज़ान का त्योहार मनाते समय अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के कुछ टिप्स यहां दिए जा रहे हैं:
अपनी सहरी के लिए आपको रेशे और स्टार्च से युक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए, जिससे एनर्जी काफी लंबे समय तक बनी रहती है। इसके लिए सहरी में ओट्स, मल्टीग्रेन ब्रेड, ब्राउन या बासमती चावल, दाल और अन्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आप ताकत के लिए मछली, टोफू और ड्राईफ्रूट्स भी ले सकते हैं। आपको इन दिनों पानी ज्यादा पीना चाहिए, पर शुगर या हाई कैफीन युक्त पेय पदार्थों, जैसे कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन करना चाहिए।
अपना ग्लूकोज लेवल लगातार जांचते रहना चाहिए। अपने घरों में रहते हुए ऐसा करने के बहुत से तरीके हैं। फ्री स्टाइल लिबरे जैसे कॉन्टिन्यूस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) जैसे डिवाइस पहने जा सकते हैं। यह रमज़ान में रोजे के समय या इफ्तार के समय डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अपने ग्लूकोज लेवल की सही रीडिंग और ट्रेंड तक पहुंच के लिए आसान विकल्प देते हैं। इसमें उन्हें पारंपंरिक ग्लूकोज टेस्टिंग की तरह उंगली में सुई चुभने का दर्द नहीं सहना पड़ता।
रमज़ान के रोजे को खजूर और दूध के साथ तोड़ना चाहिए। इसके बाद आप कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर सकते हैं। पानी भरपूर पीना चाहिए। मिठाई और तले-भुने फूड आइटम सोच-समझ कर खाने चाहिए क्योंकि यह आपकी सेहत पर प्रभाव डाल सकते हैं। अगर आप रात को सोते समय फल खाएं तो तड़के सुबह तक अपना शुगर लेवल मेंटेन रखने में मदद मिल सकती है।
आपको कसरत करते रहना चाहिए, लेकिन ज्यादा थकान न हो, इसके लिए ज्यादा मुश्किल कसरत नहीं करनी चाहिए। आप साधारण वर्कआउट कर सकते हैं। आप वॉकिंग की एक्सरसाइज कर सकते हैं या योग कर सकते हैं। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से आपको अपनी मांसपेशियों की ताकत भी कम नहीं होगी। इससे रमज़ान के महीने में आप में ताकत और स्टेमिना भी आएगा।
पर्याप्त और गहरी नींद लेनी चाहिए। यह अच्छी सेहत और बेहतर ढंग से रहने के लिए जरूरी है। रमज़ान के दौरान खासतौर पर आपका सुबह होने से पहले का खाना आपकी एनर्जी के लिए बहुत जरूरी है। इस समय गहरी नींद लेने से आप शरीर को फिट रख सकते हैं। इससे आपको नींद की कमी को दूर रखने में मदद मिलेगी, जो आपकी भूख पर भी असर डाल सकती है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहेगी और ब्लड ग्लूकोज लेवल से नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। यह डायबिटीज को मैनेज करने के लिए बहुत जरूरी है।
इन टिप्स के अलावा डायबिटीज के रोगियों को हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया के चिंताजनक स्तर के प्रति अलर्ट रहना चाहिए और इनका अच्छी तरह से ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा आपको यह भी योजना बनानी चाहिए कि ब्लड शुगर के हाई और लो होने पर आपको क्या करना चाहिए। इसके अलावा, आपको डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए कि किस तरह आप दिन के कम से कम 75 फीसदी समय में अपनी ब्लड शुगर को मेंटेन करने का लक्ष्य तय कर सकते हैं। यह काम आपको रोजा रखने के दौरान भी करना चाहिए।
तो, अब जब कुछ डायबिटीज के रोगी रोजा रखना पसंद करते हैं तो इसके लिए उन्हें योजना तैयार करनी चाहिए ताकि रमज़ान के इस पाक महीने में उन्हें अपनी सेहत दुरुस्त रखने में मदद मिल सके।
(Inputs By: Dr. Niti Agarwal, DNB Endocrinologist, Max Super Specialty Hospital, Patparganj)
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