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1-2 नहीं 5 तरह का होता है हार्ट फेल्योर! जानें कहीं आप तो नहीं हो रहे किसी हार्ट फेल्योर का शिकार

1-2 नहीं 5 तरह का होता है हार्ट फेल्योर! जानें कहीं आप तो नहीं हो रहे किसी हार्ट फेल्योर का शिकार
1-2 नहीं 5 तरह का होता है हार्ट फेल्योर! जानें कहीं आप तो नहीं हो रहे किसी हार्ट फेल्योर का शिकार

Types of Heart Failure : आपको जानकर हैरानी होगी कि हार्ट फेल्योर एक या दो प्रकार का नहीं होता बल्कि पांच प्रकार का होता है, जिसका पता लगाने में अब AI आपकी मदद कर सकता है।

Written by Jitendra Gupta |Published : May 28, 2023 2:00 PM IST

Types of Heart Failure : हार्ट फेल का नाम सुनते ही आपके दिमाग में ये ख्याल आता होगा कि कहीं दिल पूरी तरह से काम करना न बंद कर दें। आपको जानकर हैरानी होगी कि हार्ट फेल्योर एक या दो प्रकार का नहीं होता बल्कि पांच प्रकार का होता है, जिसका पता लगाने में अब AI आपकी मदद कर सकता है। इतना ही नहीं इस टूल की मदद से आप लोगों में भविष्य में होने वाले खतरे का भी पता लगा सकते हैं। इसका खुलासा खुद भारतीय मूल के एक शोधकर्ता ने किया है। आइए जानते हैं कैसे आप इस टूल की मदद से हार्ट फेल्योर के प्रकार का पता लगा सकते हैं।

क्या है हार्ट फेल्योर

हार्ट फेल्योर एक प्रकार का नहीं बल्कि कई प्रकार का होता है, जिसमें हमारा दिल सही तरीके से खून को पंपनहीं कर पाता है। मौजूदा वक्त में ऐसा कोई तरीका नहीं है, जो इस बीमारी के बढ़ने का सटीकता से प्रमाण दे सके। इसलिए ये पता लगाना मुश्किल होता है कि कब हार्ट फेल्योर होगा और कितने वक्त में होगा।

कैसे हुई स्टडी

लांसेट डिजीटल हेल्थ में प्रकाशित इस स्टडी को किया है यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में रहने वाले हार्ट फेल्योर के 30 से ज्यादा उम्र के तीन लाख मरीजों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया। ये डेटा करीब 20 सालों तक जुटाया गया है।

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ये पांच तरह के होते हैं हार्ट फेल्योर

शोधकर्ताओं ने ये 5 तरह के उपप्रकार ढूंढ निकाले हैंः

1-अर्ली ऑनसेट

2-लेट ऑनसेट

3-एट्रियल फिब्रलेशन (अनियमित दिल की धड़कन)

4-मेटाबॉलिक (मोटापे कि वजह से ह्रदय रोग)

5-कार्डियोमेटाबॉलिक (मोटापा और ह्रदय रोग)

शोधकर्ताओं ने बीमारी का पता चलने के बाद कितने वर्षों में मृत्यु हुई उसके अंतराल पर मरीजों में उपप्रकार का पता लगाया।

उपप्रकार और मौत का खतरा

1-अर्ली ऑनसेट (20 फीसदी खतरा)

2-लेट ऑनसेट (46 फीसदी )

3-एट्रियल फिब्रलेशन (अनियमित दिल की धड़कन) (61 फीसदी खतरा)

4-मेटाबॉलिक (मोटापे कि वजह से ह्रदय रोग) (11 फीसदी खतरा)

5-कार्डियोमेटाबॉलिक (मोटापा और ह्रदय रोग) (37 फीसदी खतरा)

क्या कहते हैं शोधकर्ता

यूसीएल के इस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इंफोर्मेटिक्स के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अमिताव बनर्जी का कहना है कि हम हार्ट फेल्योर का पता लगाने के तरीकों में सुधार तलाश रहे हैं ताकि मरीजों में बीमारी का बेहतर तरीके से पता लगाने में मदद मिल सके। फिलहाल इस बीमारी के बढ़ने का पता लगाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। बहुत से लोगों में ये बीमारी स्थिर रहती है जबकि कुछ में बहुत तेजी से बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि हार्ट फेल्योर के प्रकार का पता लगाने से संभावित उपचार के तरीकों और उपचार विकल्पों को तलाशा हो सकता है। इस स्टडी में पांच अलग-अलग प्रकार के हार्ट फेल्योर का पता लगाया गया है।

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