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Home / Hindi / Diseases & Conditions / Toothache day 2021: लंबे समय से दांत में दर्द है तो होंगी ही ये 5 बीमारियां, 6 टिप्स कम करेंगे दर्द और खतरा

Toothache day 2021: लंबे समय से दांत में दर्द है तो होंगी ही ये 5 बीमारियां, 6 टिप्स कम करेंगे दर्द और खतरा

Toothache day 2021: आपके दांत कहीं न कहीं आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं । अगर आपके दांत में लंबे समय से दर्द है तो ये 5 बीमारियां हो सकती हैं। डॉक्टर के ये टिप्स कम करेंगे दर्द और बीमारियों का खतरा।

By: Jitendra Gupta   | Edited by: Jitendra Gupta   | | Updated: February 9, 2021 1:59 pm
Tags: Toothache day 2021  Toothache In Hindi  World Toothache day 2021  
Toothache day 2021
लंबे समय से दांत में दर्द है तो होंगी ही ये 5 बीमारियां, 6 टिप्स कम करेंगे दर्द और खतरा

मौखिक स्वच्छता मुंह दांत, मसूड़ों को साफ और स्वस्थ रखने की एक आदत है, जिससे की प्लाक और जीवाणु (बैक्टीरिया) को दूर हटा कर दांतों की समस्या को रोकने में मदद मिलती है। इस आदत में रोज ब्रश करना, कुल्ला करना, जीभ की सफ़ाई करना और दंत चिकित्सक को नियमित रूप से मिलना ये सभी चीजें शामिल हैं। ज्यादातर लोग दंत चिकित्सक के पास साल में दो बार जाते है, हालांकि जिन्हें मौखिक रोगों को खतरा अधिक होता है जैसे तंबाकू उपयोगकर्ता को दंत चिकित्सक के पास अधिक बार जाना चाहिए। घर पर एक मौखिक स्वास्थ्य आहार का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है| Also Read - Toothache In Children : 5 साल से छोटे बच्‍चों को क्‍यों होता है दांतों में दर्द? डॉक्‍टर ने बताए इसके 2 बड़े कारण और बचाव के तरीके

ब्रश करने से दांतों की प्लाक हट जाती है और टार्टर के गठन को रोकने में मदद मिलता है। दांतों का प्लाक एक चिपचिपा फिल्म होता है, जो की दांतों और मसूड़ों पर जमता है| इसमें जीवाणु (बैक्टीरिया) होता है जो की दांतों और मसूड़ों को खराब करता है, जिससे की मसूड़ों की बीमारी, कैविटीस और मसूड़ों की सूजन (गिन्गिविटिस) हों जाती है। जब ये प्लाक दांतों पर कड़ा हों जाता है, तब ये (टार्टर) बन जाता है, जो केवल एक पेशेवर दंत चिकित्सक के द्वारा ही हटाया जा सकता है। जीभ को भी दांतों के साथ ब्रश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्यूंकि ये बैक्टीरिया और फंगस का हार्बर है, जो की दांतों की समस्या और सांस ने बदबू फैलता है।



नियमित रूप से ब्रश करना मौखिक स्वच्छता का हिस्सा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, क्यूंकि मुंह के अंदर ऐसे कई सारे हिस्से हैं जहां टूथ ब्रश नहीं पहुच पाता है, इसलिए फ्लॉसिंग की सलाह दी जाती है ताकि दांतों के बीच तक पहुंच सके और दांतों और मसूड़ों के सभी हिस्सों को साफ कर सके। फ्लॉसिंग का वैकल्पिक दांतों के बीच का ब्रश है। कुछ मौखिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इंटरडेंटल ब्रशिंग पसंद करते है, क्योंकि यह मसूड़ों पर बहुत सौम्य होते है। फ्लॉसिंग ना केवल दांतों के बीच की सफाई करता है बल्कि ये मसूड़ों को मजबूत भी बनाता है।

मौखिक स्वच्छता, जीवन शैली और आहार विकल्पों से भी प्रभावित होता है। धूम्रपान और तंबाकू चबाना दोनों ही मौखिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है| जो खाद्य पदार्थ में अधिक चीनी होती है, विशेष रूप से सुक्रोस या टेबल शुगर से कैविटीस के गठन में योगदान होता है। अम्लीय खाद्य पदार्थ (एसिडिक फूड्स) जैसे फलों के रस , सोडा और सिरका भी टूथ इनेमल को नुकसान कर सकते हैं और कैविटीस के गठन में योगदान करते है। खाद्य पदार्थ जो मौखिक स्वच्छता को बढ़ावा देते है वो है, डेयरी उत्पाद, मांस, अंडे , ताजे फल और सब्जियां, हरी चाय, और पानी।

दांत या मुंह के अस्वच्छ होने से शरीर में कई और बीमारिया भी अपनी जगह बना सकती है जो की स्वस्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेय है. जैसे की –

अपने दिल को स्वस्थ रखने केर लिए आपको अपने दांतो को सेहतमंग रखना होगा , दरअसल शरीर के किसी भी हिस्से में इन्फेक्शन होता है तो वो हमारे दिल को नुक्सान पहुंचता है। अगर मसूड़े में बैक्टीरिया की वजह से जिंजवाईटिस का इन्फेक्शन हो जजए तो इस से बैक्टीरिया खून के जरिये दिल तक पहुचता है. यह दिल की नसों को नुक्सान पहुंचता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

रुमेटॉइड आर्थराइटिस का खतरा भी हो सकता है- मसूड़ों की बिमारी या पेरिओडोन्टाल डिजीज न केवल दांतो और मसूड़ों को कमजोर करती है बल्कि रुमेटाइड आर्थराइटिस को जनम देने में भी सक्षम है। पोरफीरोमोनस गिनगीवालिस स्ट्रेन जो की पेरिओडोन्टाल डिजीज का मूल कारण है वही हड्डियों और जोड़ो में दर्द का कारण भी बन सकता है।

इम्यून सिस्टम का कमजोर होना- दांत या मसूड़ों में तकलीफ होने की वजह से खाने या चबाने में परेशानी होती है जिस से की लोग अपना पूरा भोजन नहीं खा पाते। और इसी कारणवश शरीर को उचित पोषण न मिलने से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है जो की अन्य बिमारी को सीधा न्योता है।

शरीर के अन्य अंगो में इन्फेक्शन- मसूड़ों में बैक्टीरिया के कारण बीमारी होने की वजह से वही बैक्टीरिया रक्त संचालन के साथ पूरे शरीर में घूमता है जिससे की शरीर के बाकी हिस्सों में भी इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है।

मुंह का कैंसर- तम्बाकू या शराब के सेवन से मुंह में कैंसर जैसी बीमारी पनप सकती है जो की धीरे धीरे पूरे शरीर में किसी भी हिस्से में जा के अपनी जगह बना सकता है और भयानक रूप ले सकता है जो की जान लेवा भी साबित हो सकता है

दांत एवं मसूड़ों की अस्वछता भविष्य में कोई भयंकर रूप न ले इस से बचने के लिए ये अपनाये:

सही तरीके से ब्रश करना- ब्रश करते वक्‍त मसूड़ों पर ज्‍यादा कस कर दबाव ना डालें। आपका ब्रश नाजुक होना चाहिये जिससे मसूड़े कटे-छिलें नहीं। ब्रश को मुंह के अंदर 45 डिग्री के एंगल में घुमा कर करें जिससे मसूड़ों पर ज्‍यादा दबाव ना पडे।

मसूडे़ की मसाज करें – ठीक प्रकार से ब्रश करने के अलावा भी मसूड़ों की मसाज करनी भी जरुरी है। मसाज करने के लिये आप यूकेलिप्‍टस तेल या फिर पिपरमिंट के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं क्‍योंकि इससे खून का दौरा बढ़ जाता है।

मुंह का व्‍यायाम- अपने ऊपर और नीचे के दांतों को आपस में दबाएं और इसे कम से कम 30 से 40 बार करें। ऐसा करने से खून का दौरा बढेगा और मसूडों में जान आएगी।

माउथ वॉश जरुरी: फ्लॉस करने के बाद आपको माउथवॉश से रोजाना अपने मुंह को साफ करना चाहिये। माउथवॉश में एंटीसेप्‍टिक होता है जो कि मुंह में पनप रहे बैक्‍टीरिया का नाश कर के मुंह में से आने वाली बदबू का सफाया करेगा।

चीनी का सेवन कम करें- आप जो चीनी खाते हैं वह मुंह में जा कर बैक्‍टीरिया के साथ मिल कर दांतों की सड़न पैदा करती है। इससे मसूड़ों से खून आने लगता है, कैविटी हो जाती है और मसूड़े सड़ने लगते हैं। साथ ही कार्बोहाइड्रेट वाले कोल्‍ड्रिंक दांतों के इनेमल को भी गला देते हैं।

तम्बाकू, खेनि का सेवन बंद करे- तम्बाकू या खेनि दांत और मसूड़ों का सबसे बड़ा दुश्मन है. इनसे दांत का रंग पीला होने लगता है, सांस में बदबू आने लगती है. सिर्फ इतना ही नहीं इनके सेवन से मुह का कैंसर का खतरा भी हो सकता है.

(इनपुटः डॉ. पुनीत आहूजा, सीनियर कंसलटेंट, डेंटल सर्जरी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट)

Published : February 9, 2021 1:35 pm | Updated:February 9, 2021 1:59 pm
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