हार्मोनल असंतुलन हर महिला के शरीर में होने वाली सामान्य परेशानी है, जिसके कारण उन्हें मूड स्विंग, तनाव के साथ अनियमित पीरियड्स और पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी शारीरिक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इस बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो आपकी प्रेगनेंसी में दिक्कत आ सकती है। हार्मोनल असंतुलन शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। महिलाओं के शरीर में होने वाले इस बदलाव को देखते हुए न्यूट्रिशनिस्ट पूजा माखीजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक जानकारी साझा की है, जिसमें उन्होंने हार्मोन को कंट्रोल करने के लिए कुछ प्रकार के बीज का सेवन करने की सलाह दी है, जिसे सीड साइकिलिंग का नाम दिया है।
पूजा माखीजा के मुताबिक, सीड साइकिलिंग एक प्रकार का प्राकृतिक उपचार है, जो हार्मोन को संतुलित करने के साथ-साथ उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इस सीड साइकिलिंग में आपको महीने के अलग-अलग दिनों में अलग-अलग बीजों का सेवन करना होता है।
न्यूट्रिशनिस्ट पूजा कहती हैं कि आपको अपनी डाइट में फ्लेक्स सीड, कद्दू, सूरजमुखी और तिल के बीज जैसे चार तरह के बीज खाने की जरूरत है। ये बीज मैंगनीज, मैग्रीशियम, तांबा, थायमीन, विटामिन ई, फाइबर और हेल्दी फैट से समृद्ध होते हैं और और आपके शरीर में बिगड़े हार्मोन अंसतुलन को ठीक करने में मदद करते हैं।
पूजा कहती हैं कि फ्लेक्स सीड और कद्दू के बीज शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन बढ़ाते हैं जबकि सूरजमुखी और तिल के बीज बॉडी में प्रोजेस्टेरोन लेवल को बेहतर बनाते हैं। इन बीज के सेवन से प्रजनन क्षमता, अतिरिक्त ब्लीडिंग और अनियमित पीरियड्स के उपचार में मदद करते हैं।
पीरियड्स से 15 दिन पहले फॉलिकल फेज शुरू होता है और इन दिनों आपको दो चम्मच अलसी और कद्दू के बीजका सेवन करने की सलाह दी जाती है। इन बीजों में लिग्रिन पाया जाता है, जो एस्ट्रोजन लवल बढ़ाने में सहायक होता है।
पीरियड्स के बाद करें इन बीजों का सेवन
पीरियड्स के बाद ल्यूटियल फेज शुरू होता है, जिसमें आपको दो चम्मच तिल और सूरजमुखी के बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है। महिलाओं को इन दिनों ज्यादा प्रोजेस्टेरॉन की जरूरत होती है, जो ये दोनों बीज बढ़ाने का काम करते हैं।
1- कद्दू और सूरजमुखी के बीज में मौजूद पौष्टिक तत्व स्तन कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
2-ये बीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। इतना ही नहीं कद्दू के बीज मूत्र संबंधी विकारों को दूर करने में मदद कर सकता है।
3-तिल के बीज सूजन कम करने का काम करते हैं।
4-हृदय रोग के जोखिम को कम करने का काम करते हैं सूरजमुखी के बीज।
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