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स्तन कैंसर (Breast Cancer) में स्तन की कोशिकाएं तेजी से विभाजित होकर बढ़ने लगती हैं। हार्मोन, पर्यावरण संबंधी कारण और आनुवांशिकी के चलते स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है। देखा गया है कि 39 साल से कम उम्र की महिलाओं में यह सबसे सामान्य प्रकार के कैंसर रोगों में से एक है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति की उम्र 30 से 40 वर्ष के दौरान है, तो स्तन कैंसर होने का जोखिम 204 में से 1 यानी करीब 0.4% है। चूंकि युवतियां सोचती हैं कि उनको इसका खतरा नहीं है तो अक्सर इसका पता तब तक नहीं चल पाता जब तक कि रोग गंभीर रूप नहीं धारण कर लेता और तब यह अधिक आक्रामक बन चुका होता है। ऐसे में मरीज़ के बचने की संभावना कम होती है और रोग के दोबारा उभरने की आशंका भी बढ़ती है। इसलिए स्तन कैंसर के जोखिम के कारणों को जानना और शुरुआती लक्षणों की पहचान कर व्यक्ति का शीघ्र इलाज करने में मदद मिलती है।
लेकिन युवतियों में स्तन कैंसर की पहचान करना आसान नहीं होता क्योंकि उनके स्तन गठीले होते हैं और ऐसे में मैमोग्राफी से ट्यूमर को कई बार पकड़ा नहीं जा सकता। स्तन कैंसर से पीड़ित ज्यादातर महिलाएं खुद ही अपने स्तनों में उभरने वाले असामान्य लक्षणों की पहचान कर पाती हैं।
यदि निम्न में से किसी भी प्रकार के लक्षण अपने स्तनों में देखें, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें:
स्तन कैंसर युवतियों में भी हो सकता है, और मौजूदा दौर में यह आम है। लेकिन नियमित रूप से जांच करवाते रहने से उनमें इस रोग का शीघ्र निदान किया जा सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि जोखिम के कारकों पर पूरी नज़र रखी जाए। यदि रोग का पता चलता है तो शीघ्र निदान से उपचार आसान हो जाता है।
(Inputs By: Dr Shalu Kakkad, Additional Director-Department of Gynecology, Fortis Escorts Hospital, Jaipur.)