Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
How to make Spine Healthy : मौजूदा वक्त में कमर दर्द एक ऐसी परेशानी बन चुकी है, जिसका इलाज न किया जाए तो आपको सर्जरी की नौबत आ सकती है। जी हां, बैक पैन अगर दवा और आपकी एक्सरसाइज से भी कम नहीं हो रहा है तो आपके लिए सर्जरी का विकल्प बचता है। हालांकि सर्जरी का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मामूली सी सर्जरी आपके बैक पैन को जड़ से खत्म कर सकती है? मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज नई दिल्ली में न्यूरो एंड स्पाइन सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर आशीष गुप्ता का कहना है कि बैक पैन को जड़ से खत्म करने मे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी बहुत कारगर है, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं है। आइए जानते है कैसे ये तकनीक आपकी परेशानी को दूर कर सकती है।
डॉ. आशीष गुप्ता का कहना है कि इस सर्जरी में एक छोटा कट लगाया जाता है, जिससे माइक्रोस्पोपिक वीडियो कैमरा लगा शरीर के अंदर भेजा जाता है। ऐसा करने से स्क्रीन पर देखा जाता है और रीढ़ जैसे संवेदनशील अंग में बहुत ही सटीकता के साथ सफल सर्जरी की जाती है। सर्जरी के फायदेहैं-
1-सिर्फ 2 सेमी का लगाया जाता है कट
2-कम खून बहता है
3-मासपेशियों को कम पहुंचता है नुकसान
4-इंफेक्शन और सर्जरी का दर्द होता है कम
5-फास्ट होती है रिकवरी
6--सर्जरी के बाद दवाओं पर निर्भरता कम हो जाती है
7-लोकल एनीस्थीसिया के इस्तेमाल से रिस्क कम होता है
1-डिस्क प्रोलैप्स
2- स्पाइनल कम्प्रेशन
3-रीढ़ में स्कोलिओसिस
4-रीढ़ में इंफेक्शन
5-रीढ़ में अस्थिरता
6-वर्टेब्रल फ्रैक्चर
7-स्पाइनल ट्यूमर
8-डिजनरेटिव डिस्क डिजीज
1-ओस्टियोपोरोसिस की वजह से हुए फ्रैक्चर को वापस से ठीक करने के लिए वर्टेब्रोप्लास्टी और काइफोप्लास्टी जैसी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की जाती हैं।
2- स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी और फोरैमिनोटॉमी स्टेनोसिस स्पाइनल कैनाल, जिससे दर्द, सुन्नता या कमजोरी होती है, ठीक की जाती है।
3-डिस्क हर्नियेटेड को डिस्केक्टॉमी से हटाया जा सकता है।
4-स्पाइनल फ्यूजन का उपयोग रीढ़ को मजबूत करने और डिस्क रोग के दर्द को रोकने के लिए किया जाता है।
5-डिस्क रिप्लेसमेट की प्रक्रिया में डिस्क हटाने और सिंथेटिक डिस्क बदलना शामिल है।
6-स्पाइन के इंफेक्शन और ट्यूमर को ठीक करने के लिए माइक्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक सर्जरी की जाती है।
1-वॉक करें
2-स्विमिंग करें
3-हर रोज करीब 30 मिनट साइक्लिंग करें
4-योगा करें
5- जब खड़े हों या बैठे हों तो झुके नहीं।
6-अच्छे सपोर्ट के साथ कुर्सी पर बैठें और लैपटॉप या कम्प्यूटर को सही हाइट पर रखें।
7-आरामदायक और कम हील्स वाले जूते पहनें।
8-घुटनों को ऊपर करके एक तरफ करवट लेकर सोएं।
9-हमेशा सख्त बिस्तर पर सोएं।
10-ज्यादा भारी चीजें न उठाएं।
11-जब वजन उठाएं तो ट्विस्ट न करें।
12-ज्यादा वजन बढ़ाने से बचें और प्रॉपर डाइट लें
13- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
Follow us on