एक उम्र के बाद बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. पुरुषों के लिए यह उम्र 30 साल के बाद शुरु होती है. पुरुषों का शरीर 30 साल तक ग्रोथ मोड में रहता है. लेकिन 30 साल के बाद पुरुषों के स्वास्थ्य में गिरावट होने लगती है. अगर इस समय पर विशेष ध्यान दिया जाए, तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है. इसके अलावा इस उम्र के बाद पुरुषों को कुछ मेडिकल टेस्ट कराने शुरु कर देना चाहिए. इससे खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है. हम यहां पर 10 ऐसे ही मेडिकल टेस्ट के बारे में बता रहे हैं, जो बीमारियों के संकेत और शरीर में विटामिन और पोषक तत्वों की कमी को बताते हैं. इन टेस्ट के माध्यम से आप जानकारी तो पाते ही हैं, साथ में डाइट और जरूरी मेडिकल उपचार करा लेते हैं. तो आइए जानते हैं पुरुषों के लिए 10 जरूरी टेस्ट जो 30 साल की उम्र के बाद जरूर कराना चाहिए.
शरीर में कई तरह की बीमारियों की जानकारी कम्पलीट ब्लड काउंट से हो जाती है. 30 की उम्र के बाद पुरुषों को कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इस टेस्ट के कराने से एनीमिया, संक्रमण और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा पहले से ही पता चल जाता है. हेल्थ केयर के लिए Complete blood count टेस्ट साल में एक बार जरूर कराना चाहिए.
किसी भी पुरुष के लिए ब्लड शुगर की जांच सबसे ज्यादा जरूरी होती है. 30 साल के बाद पुरुषों में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. हर पुरुष को साल में एक बार ब्लड शुगर का टेस्ट जरूर कराना चाहिए. अगर ब्लड शुगर में परिवर्तन दिख रहा है तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए. डायबिटीज से बचने के लिए ब्लड शुगर टेस्ट सबसे बड़ा हेल्थ टिप्स होता है.
पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए 30 साल की उम्र एक पड़ाव की तरह होती है. इस उम्र के बाद पुरुषों को ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करानी चाहिए. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य कार्डियो की बीमारी से बचा जा सकता है.
कैंसर के तमाम प्रकार होने के बावजूद परुषों में सबसे ज्यादा टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा रहता है. हर पुरुष को 30 साल के बाद टेस्टिकुलर कैंसर की जांच जरूर करनी चाहिए. टेस्टिकुलर कैंसर के शिकार पुरुषों को इस बात की जानकारी तब लगती है जब कैंसर फैल चुकार होता है. ऐसे में सावधानी के लिए 30 साल के बाद हर साल टेस्टिकुलर कैंसर की जांच करानी चाहिए.
तमाम आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों को ज्यादातर हार्ट अटैक कोलेस्ट्राल लेवल अधिक होने की वजह से आता है. कोलेस्ट्राल की एलडीएल कैटगरी अधिक होने की वजह से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है. अगर आपका बैड कोलेस्ट्राल अर्थात एलडीएल सामान्य रहता है तो हर साल एक बार जांच कराएं. अगर सामान्य नहीं रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श लें.
पुरुषों के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) 30 की उम्र के बाद जरूरी होता है. इससे लिवर फंक्शन के बारे में पता चलता है. हाल के वर्षों में लिवर की बीमारियां बहुत तेजी से बड़ी हैं. फैटी लिवर से लेकर लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है.
शरीर में विटामिन डी की कमी अक्सर 30 साल की उम्र के बाद देखी जाती है. परुषों में यह समस्या बहुत आम है. शरीर में विटामिन डी की कमी की वजह से हड्डियों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. लगातार विटामिन डी की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है.
डायबिटीज के बाद सबसे ज्यादा लोग जिस परेशानी के शिकार हैं वह है मोटापा. मोटापा और उसकी वजह से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए 30 साल की उम्र के बाद बीएमआई टेस्ट जरूर कराना चाहिए. बीएमआई से शरीर के अनुपात में वजन की गणना होती है. 30 से बाद हर साल बीएमआई टेस्ट कराकर मोटापा, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.
वैसे तो कुछ लोग इसे सही नहीं मानते हैं लेकिन हाल के वर्षों में दांतों को लेकर की गयी रिसर्च में पाया गया है, कि दांतों का स्वास्थ्य अगर ठीक नहीं रहता है तो इंसान हार्ट रोग का शिकार हो सकता है. जो लोग ओरल हेल्थ का ख्याल नहीं रखते हैं उनमें हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में पुरुषों को अपने दांतों की जांच 30 साल की उम्र के बाद जरूर करानी चाहिए.
30 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर करना चाहिए. क्योंकि 30 के बाद किडनी फंक्शन में कमी का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग अल्कोहल का सेवन करते हैं उनके लिए यह टेस्ट जरूरी हो जाता है.
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