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Menstrual hygiene day 2022: भारत में हर साल हजारों महिलाओं की यूटरेस कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है। हालांकि, ये दोनों ही बीमारियां कई अन्य कारणों से भी हो सकती है लेकिन मुख्यतौर पर ग्रामिण महिलाओं में इसका एक बड़ा कारण पीरियड्स में साफ-सफाई ना रखना है। दरअसल, पीरियड्स में साफ-सफाई का ना रखना इंफेक्शन और कई सारी संक्रामक बीमारियों का कारण बन सकती है जो कि आगे बढ़कर कैंसर और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन जाती है और जानलेवा रूप धारण कर लेती है। इसके अलावा पीरियड्स में साफ-सफाई का ध्यान रखना आपको बार-बार बीमारियों का शिकार बना सकता है, वो कैसे? आइए जानते हैं डॉ. शिल्पा सिंघल (Dr. Shilpa Singhal) सलाहकार, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ से।
यीस्ट इंफेक्शनमहिलाओं में बेहद ही आम समस्या है। ये तब होता है जब वजाइनल एरिया का पीएच (Vaginal PH) बदल जाता है। इससे होता ये है कि वजाइल फ्लोरा के हेल्दी बैक्टीरिया मर जाते हैं और अनहेल्दी बैक्टीरिया बढ़ने लगते है, जिससे यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है।
पीरियड हाइजीन का सही से ध्यान ना रखने पर ये कई जोखिम संक्रमणों से जटिलता से जुड़ा हुआ है। इसमें पेशाब के रास्ते में और बच्चेदानी के रास्ते में इंफेक्शन हो सकता है। ये नजरअंदाज करने पर गंभीर हो सकता है।
यूटीआई इंफेक्शन तब होता है जब हम पीछे से आगे धोते हैं। दरअसल, इस तरह से मल-मूत्र त्यागने के बाद इन पार्ट्स की सफाई करने से बैक्टीरिया बच्चेदानी के रास्ते ब्लैडर या पेशाब की थैली में जा सकते हैं, जिससे यूटीआई इंफेक्शन हो जाता है। इसलिए आगे से पीछे धोएं।
जब खराब वजाइनल हेल्थ की बात आती है, तो कई महिलाएं फंगल संक्रमण से पीड़ित होती हैं। दरअसल, सैनिटरी नैपकिन और टैम्पॉन ना बदलना या गंदे सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करने से भी फंगल संक्रमण हो सकता है। इसमें योनि में खुजली, जलन, जलन, सफेद स्राव और सूजन हो जाती है।
सर्वाइकल कैंसर को अगर हाइजीन से जोड़ कर देखें तो, आमतौर पर प्रोडक्ट्स और प्राउडर जिसमें टॉक्सिक होता है इसकी वजह से हो सकता है। साथ ही बार-बार होनो वाला सर्वाइकल समस्याएं भी कई बार कैंसर का रूप ले लेती हैं।
वजाइनल एरिया में होने वाला डर्मेटाइटिस बहुत ज्यादा परेशान करने वाला होता है। इसमें वजाइनल एरिया में रैशज हो जाते हैं और आमतौर पर ये पैड्स के सिंथेटिक विंग्स के कारण हो जाते हैं। ये स्किन में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करते हैं और दाने, रैशेज, खुजली और रेडनेस का कारण बनते हैं।
वजाइनल एरिया की साफ-सफाई से जुड़ी कमियां बीमारियों के अलावा कुछ रोज-रोज होने वाली समस्याएं भी पैदा करती हैं। जैसे कि कई बार लंबे समय तक गीला कपड़ा या पैड इस्तेमाल करने से ये फफोले पैदा कर सकता है और सूजन का कारण बन सकता है।
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम की शुरुआत अक्सर टैंपॉन या फिर कपड़े को 12 घंटे तक लगाए रखने से शुरू होती है। दरअसल, इस दौरान होता ये है कि गंदगी बच्चेदानी तक पहुंच जाती है और खून में मिल जाती है। इससे बीपी कम होने लगता है और कई बार ये स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि किसी की मौत भी हो सकती है।
जब आप बार-बार हाइजीन से जुड़ी गलतियां करते हैं और अपने पैंटी व वजाइनल एरिया को गीला रखते हैं तो ये इस एरिया का पीएच खराब कर देता है और फिर आपको बार-बार इंफेक्शन होने लगता है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस का बार-बार होना आपके पीएच लेवल को खराब कर देता है। यह महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है जब वे गर्भवती होती हैं या गर्भवती होने की कोशिश कर रही होती हैं। ऐसे में प्रजनन पथ के संक्रमण और यूटीआई के कारण गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर है और यह ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है। इस तरह यह महिलाओं को बांझ होने का खतरा बना देता है।
- पीरियड्स के दौरान रोज नहाएं और वजाइल एरिया की साफ सफाई रखें
-पीरियड्स के दौरान 4 से 6 घंटे पर पैड बदल लें या जो कुछ भी आप इस्तेमाल कर रही हूं उसे बदलें।
-अगर आप कपड़ा या टैपॉन इस्तेमाल कर रही हैं तो इसकी साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और इन्हें धोने के बाद धूप से सुखाएं।
- वजाइनल एरिया को 3 से 4 बार पानी से धोते रहें और ध्यान रहे आगे से पीछे धोएं।
- वजाइनल एरिया की साफ-सफाई के लिए बार-बार साबुन का और फोमिंग वॉश का इस्तेमाल ना करें। इससे पीएच बदलने लगता है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है।
- वजाइनल एरिया को ड्राई और साफ रखें। इसलिए अच्छे कपड़े की पैंटी पहनें, गीली पैंटी ना पहने और इसकी साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
इसके अलावा अगर आपको बार-बार इंफेक्शन हो रहा है या फिर आपको लग रहा है कि आपकी वजाइनल एरिया सेंसिटिव हो रही है तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत सपर्क करना चाहिए। साथ इंफेक्शन होने के कोई लक्षण महसूस होता है तो इसका इलाज करवाएं।
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