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हर 22 में से 1 महिला है ब्रेस्ट कैंसर की शिकार, जानिए आखिर क्यों इतनी तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी

हर 22 में से 1 महिला है ब्रेस्ट कैंसर की शिकार, जानिए आखिर क्यों इतनी तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी
हर 22 में से 1 महिला है ब्रेस्ट कैंसर की शिकार, जानिए आखिर क्यों इतनी तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी

भारत में हर 22 में से 1 शहरी महिला को ब्रेस्ट कैंसर है। स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में हर साल करीब 10 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। जिसके मुख्य कारणों में शरीर में प्रजनन वरीयताओं और हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, हर साल स्तन कैंसर के लगभग 1.38 मिलियन नए मामले सामने आ रहे हैं और 458,000 मौतें हो रही हैं।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : October 9, 2020 12:41 PM IST

भारत में हर 22 में से 1 शहरी महिला को ब्रेस्ट कैंसर है। स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में हर साल करीब 10 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। जिसके मुख्य कारणों में शरीर में प्रजनन वरीयताओं और हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, हर साल स्तन कैंसर के लगभग 1.38 मिलियन नए मामले सामने आ रहे हैं और 458,000 मौतें हो रही हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही होता है, पुरुष भी इसका शिकार हो सकते हैं। बस फर्क इतना हे कुल ब्रेस्ट कैंसर के मामलों का पुरुष सिर्फ 1% ही शिकार होते हैं। अक्टूबर का महीना स्तन कैंसर जागरूकता माह (Breast Cancer Awareness Month) के रूप में दुनियाभर में मनाया जाता है। ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता, जल्दी पता लगाने के तरीके, लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में लोगों को अवगत कराया जा सके।

ब्रेस्ट कैंसर के तेजी से बढ़ने के कारण

एक वेबसाइट में छपे एक लेख के अनुसार, गुरुग्राम के पारस अस्पताल में पारस कैंसर सेंटर के चेयरमेन डॉक्टर आर रंगा राव के अनुसार: "स्तन कैंसर हर साल 10 प्रतिशत बढ़ रहा है और इसके पीछे का कारण शरीर में प्रजनन संबंधी प्राथमिकताएं और हार्मोनल असंतुलन है। ऐसे में इनफर्टिलिटी, देर से बच्चा होना, बच्चा होने में दिक्कत और देर से शादी होना आदि ब्रेस्ट कैंसर के कारण हो सकते हैं। हालांकि इन हार्मोनल असंतुलन के अलावा खराब लाइफस्टाइल, ओबेसिटी, एक्सरसाइज की कमी, भारी मात्रा में कैलोरी का सेवन और असं​तुलित डाइट यानि कि खाने में फल और सब्जियों की कमी भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकती है। इसके अलावा, भारत में पश्चिमी देशों की तुलना में महिलाओं में बड़े स्तन गांठ की दिक्कत ज्यादा होती है। हमारे देश में ज्यादातर स्तन कैंसर की शुरुआत 40-42 साल की उम्र की महिलाओं में देखी जाती है।

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पढ़ें ब्रेस्ट कैंसर पर WHO के आंकड़े

वर्तमान में ब्रेस्ट कैंसर इतना कॉमन हो गया है कि हर हर 28 में से एक महिला स्तन कैंसर की शिकार है। पूरे भारत में करीब 32 प्रतिशत सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि स्किन कैंसर के बाद ब्रेस्ट कैंसर दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला कैंसर है। WHO के अनुसार, हर साल स्तन कैंसर से लगभग 1.38 मिलियन नए मामले और 4,58,000 मौतें होती हैं। आंकडे बताते हैं कि भारत में हर 4 मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराती है, जबकि हर 13 मिनट में 1 महिला की मौत ब्रेस्ट कैंसर के कारण होती है। स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में अब तक का सबसे आम कैंसर हो गया है।

इस तरह दिखते हैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

चाहे महिला हो या पुरुष, जब शरीर में ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत होती है तो इसके लक्षण भी जरूर दिखते हैं। यदि आप इन लक्षणों को समय रहते पहचान लें और डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू करा लें तो खतरा टल सकता है। स्तन कैंसर के लक्षणों में निप्पल से लिक्विड डिसचार्ज होना, निप्पल का मोटा होना, निप्पल में रेडनेस आना, ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द होना, ब्रेस्ट के साइज का बदलना, ब्रेस्ट के किनारों या बगल के आसपास दर्द और गांठ जैसा महसूस होना, निप्पल्स का अंदर की तरह धंसना, हड्डी मे दर्द होना और निप्पल्स से खून आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

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कैसे होती है ब्रेस्ट कैंसर की जांच?

आमतौपर ब्रेस्ट कैंसर की जांच मैमोग्राफी के द्वारा की जाती है। मैमोग्राफी एक एक्स-रे है जो स्तनों में किसी भी प्रकार असामान्यता या उथल पुथल का पता लगाने में मदद करता है। अक्सर यह सलाह दी जाती है कि जिन महिलाओं को स्तन कैंसर का अधिक खतरा है, उन्हें वर्ष में एक बार मैमोग्राफी करवानी चाहिए। जबकि जिन लोगों को अपने शरीर मे ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण महससू हों उन्हें भी मैमोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है। ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके।