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पीरियड्स का स्थायी रूप से बंद होना रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज होता है। इस दौरान महिला के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के परिवर्तन होते हैं। मेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाओं को कोई असुविधा नहीं होती, लेकिन कुछ स्त्रियों को विशेष कष्ट होता है। रजोनिवृत्ति 45 से 55 साल के बीच की उम्र में होता है। मेनोपॉज के लक्षण हर महिला में अलग-अलग दिखाई देते हैं। किसी को अचानक पीरियड्स आना बंद हो जाता है तो किसी में यह प्रक्रिया 1-2 साल तक चलती है। कुछ महिलाओं को 45 कि उम्र से पहले ही मेनोपॉज आ जाता है। आखिर कैसे कोई महिला पहचाने कि उसे मेनोपॉज होने वाला? इसे आप कई संकेतों के जरिए पहचान सकती हैं। इसके शुरू होने से पहले ही कुछ ऐसे लक्षण नजर आने लगते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि मेनोपॉज का वक्त आ चुका है। जानें, कुछ लक्षण और संकेत...
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हॉट फ्लैशेज- यह बहुत आम है। हॉट फ्लैशेज में चेहरे, सीने, पैरों आदि में रक्त का तेजी से प्रवाह होता है। आपको छूने पर गर्म महसूस होगा, लाल दिखाई देगा और शायद वहां पसीना भी आएगा।
थकान महसूस होना- हालांकि, थकान कई अन्य परिस्थितियों का भी लक्षण होता है, परंतु दिए गए उपरोक्त लक्षणों के साथ यदि थकान हो तो मेनोपॉज की तरफ इशारा करता है। थकान को सामान्य थकान, अच्छी तरह नींद पूरी होने के बावजूद थकान और रोजमर्रा के कामों को करने में भी थकान महसूस होना, इस तरह परिभाषित किया जा सकता है।
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सेक्स में रुचि कम होना- इस दौरान कामेच्छा कम हो जाती है, क्योंकि हार्मोन्स का स्तर शरीर में कम हो जाता है।
पसीना आना- रात को सोते समय पसीना आना वह भी हॉट फ्लैशेज के साथ। मध्य रात्रि में आपको अचानक ठंड लग सकती है और पसीना भी आ सकता है। आप चिपचिपा मसूस करती हैं। यह बहुत असहज है पर यह रजोनिवृत्ति का निश्चित लक्षण है।
[caption id="attachment_651646" align="alignnone" width="655"] रात को सोते समय पसीना आना वह भी हॉट फ्लैशेज के साथ। © Shutterstock.[/caption]
वजन बढ़ना- शरीर में हार्मोंस के उतार-चढ़ाव से कई समस्याएं होती हैं, जिसमें वजन बढ़ना भी शामिल है। आपके वजन का बढ़ना रजोनिवृत्ति का लक्षण हो सकता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि शरीर में चयापचय की दर कम हो गई है- यह हार्मोंस में बदलाव या रजोनिवृत्ति का एक प्रमुख लक्षण है।
एक साल पीरियड्स न होना- मेनोपॉज का मतलब है कि अब ओवरीज एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का प्रोडक्शन नहीं कर रही है। ऐसे में अगर एक साल तक माहवारी ना हो तो, वो मेनोपॉज कहलाता है।
हड्डियां होने लगती हैं कमजोर- स्टडी बताती है कि कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं इसलिए आपको अपने और अपनी बेटी के आहार में दूध, चीज, दही, अंडे आदि शामिल करने चाहिए, जिससे हड्डियों को कैल्शियम प्राप्त हो सके।
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दिल का रोग- एक नई स्टडी में मेनोपॉज और दिल की बीमारी का लिंक साफ निकल कर आया है। जिन महिलाओं को मेनोपॉज हो चुका है, उन्हें अपनी लाइफस्टाइल को सुधारना चाहिए, जिससे उनका दिल हमेशा मजबूत बना रहे।
रहता है सिरदर्द - जब मेनोपॉज का दिन नजदीक आता है, तो आपको सिर दर्द भी रह सकता है। हार्मोन में बदलाव और मूड स्विंग की वजह से सिर दर्द होता है लेकिन धीरे-धीरे यह ठीक हो जाता है।
नींद नहीं आती- रात को पसीना आना, बेचैनी और तनाव की वजह से महिलाओं की नींद खराब हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो डॉक्टर से मिलना ना भूलें।