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महिलाओं में लगभग 45 की उम्र के बाद हार्मोनल बदलाव होता है। शरीर में अंडे का उत्पादन बंद हो जाता है। महिलाओं में वजाइनल सूखापन, नींद की कमी, दिमाग में तरह-तरह के बदलाव जैसी घटना होती है। ऐसा नहीं है कि यह बहुत बड़ी समस्या है। इन समस्याओं को ठीक से हैंडिल भी किया जा सकता है। महिलाओं में होने वाले मोनोपॉजल बदलाव के प्रभाव को कम करने के लिए बेहतर डायट पर ध्यान देना चाहिए। अगर महिलाएं अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें तो यह समस्या कम हो जाती है। मेनोपॉज के समय महिलाओं को पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
आइए जाते हैं वो 4 कौन से खाद्य पदार्थ हैं जो महिलाओं को डायट में शामिल करना चाहिए।
दूध
महिलाओं में जब मेनोपॉज आता है तो शरीर में कुछ तत्वों की कमी भी होने लगती है। कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा होने की संभावना होती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को अपनी डायट में कैल्शियम वाले पदार्थ का सेवन ज्यादा करना चाहिए। दूध का सेवन इस समय रोजाना करना फायदेमंद होता है।
फल और सब्जियां
फल और सब्जियों का डायट में होना लाभदायक ही होता है। फलों से तरह-तरह के पोषक तत्व तो मिलते ही है साथ में पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है। फल और सब्जियों का सेवन अपने खान-पान में प्रचुर मात्रा में करना चाहिए। मेनोपॉज के बाद महिलाओं का पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
सोया
सोया का सेवन हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जैसे दूध शरीर को पूरा पोषण देता उसी तरह सोया का सेवन भी शरीर को पूरा पोषण देता है। सोया में पाये जाने वाले तत्व महिलाओं में होने वाले हार्मोनल चेंज को काफी कुछ सहन करने में मददगार होते हैं।
मछली
मछली खाना स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। मेनोपॉज और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है। मछली जैसे साल्मन, ट्राउट या मछली के तेल का इस्तेमाल इनके जोखिम को कम कर देता है। मेनोपॉज की वजह से डिप्रेशन की समस्या भी हो जाती है, तो ऐसे में आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करना फायदेमंद होता है।