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बच्चे को क्या खिलाएं और क्या न खिलाएं, ये हर मां के लिए परेशानी का सबब होता है. आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर बच्चों के खान-पान पर जानकारी आपको जरूर रखनी चाहिए. बच्चों का खान-पान अगर ठीक रहता है तो वो जीवनभर स्वस्थ्य व हेल्दी रहते हैं. अगर आप बच्चे को खिलाएं और न खिलाएं की बात को ठीक से जानते हैं तो बच्चा हमेशा स्वस्थ्य रहता है. बच्चे के आहार में क्या शामिल करके उसे हेल्दी रख सकते हैं, इसके बारे में हम यहां विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे.
अगर बच्चे हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज खाना ज्यादा पसंद नहीं करते हैं. लेकिन उनके स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार लेना बेहद जरूरी है. इसलिए उन्हें स्वास्थ्यप्रद भोजन इस तरह से परोसें कि देखने में यह अच्छा दिखे और वे खाने में दिलचस्पी लें.
ऑनलाइन फिटनेस प्लेटफॉर्म जिमपिक की पोषण व आहार विशेषज्ञ सुजेता शेट्टी और डॉक्टर इंस्टा (टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म) की आहार विशेषज्ञ ने बच्चों के मन में स्वस्थ आहार के प्रति रुचि जगाने के संबंध में सुझाव दिए हैं.
चोकर सहित गेहूं के आटे की रोटी, दलिया, क्विन्वा या ब्राउन ब्रेड बच्चे को खिलाएं। चोकर या छिल्का युक्त अनाज विटामिन बी और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपके बच्चे का पेट भरने के साथ ही उनके पाचन को सुधारने में भी मददगार होते हैं। बच्चों को अंकुरित अनाज, सोयाबीन, चना भी खिलाएं।
प्रोटीन ऊत्तकों का मरम्मत करने, हीमोग्लोबिन बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, मांसपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। सी फूड, अंडे, लीन मीट, मुर्गी, फलियां, मटर, दूध, दाल, सोया आदि प्रोटीन के स्रोत होते हैं।
बच्चों के आहार में फल और सब्जियां शामिल करने में अक्सर मां को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अपने बच्चों को विभिन्न फलों को खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवसः दूषित खाना है जानलेवा होती हैं ये बीमारियां.
फलों का जूस कभी-कभार ही दें, क्योंकि चोकर युक्त अनाज के फाइबर को ये शरीर से निकाल देते हैं. अगर जूस देना है तो बाजार में डिब्बाबंद जूस में ढेर सारा चीनी होता है, इसलिए घर पर बिना चीनी मिलाए जूस ही बच्चे को दें।
विभिन्न प्रकार की सब्जियां खिलाएं, मटर, बीन्स, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां आपके बच्चे के सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। ये विटामिन्स, मिनरल और आयरन से भरपूर होती हैं।
कम वसा युक्त डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं, जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। बच्चों के लिए गाय और बकरी के दूध का सेवन ज्यादा लाभदायक होता है।
एडेड शुगर बच्चों को नैचुरल खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थो की आदत डालते हैं। प्रसंस्कृत भोजन, चॉकलेट्स, कैंडी, ब्राउन शुगर को सीमित मात्रा में ही बच्चों के आहार में शामिल करें, क्योंकि इससे उनके दांतों में कैविटी होने की आशंका होती है और आगे चलकर सिर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
संतृप्त और ट्रांस फैट वाले भोज्य पदार्थ सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जैसे हाई फैट वाले दूध, रेड मीट और मुर्गी आदि। संतृप्त वसा युक्त आहार की बजाय विटामिन ई और एसेनशियल फैटी एसिड युक्त सब्जियां, नट ऑयल और सी फूड का सेवन करें। हेल्दी फैटी नट्स, ऑलिव और एवोकैडो में पाए जाते हैं।
गर्मियों में बच्चों को खूब तरल पदार्थो यानि लिक्विड फूड पिलाना चाहिए, ताकि उनका शरीर हाइड्रेटेड रहे। उनके आहार में दही, पुदीना, खरबूज, तरबूज और गुलकंद शामिल करें.
बच्चे को क्या खिलाएं से ज्यादा महत्वपूर्ण यह होता है कि उसे क्या न खिलाएं. क्योंकि बच्चे खराब खाने की वजह से मोटापा के शिकार होते हैं.
बच्चों को क्या खिलाएं ? यह सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बढ़ते बच्चों में मोटापा बढ़ने खतरा बहुत ज्यादा होता है. गलत खान-पान की वजह से हाल के वर्षों में बच्चों में मोटापा बढ़ने लगा है.
बढ़ते बच्चों मे मोटापा की वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी परेशानी कम उम्र में ही होने लगती है. इसलिए अपने बच्चों को खान-पान में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.
कोई भी मौसम हो बच्चों के खान-पान पर ध्यान देना पड़ता है. लेकिन गर्मी के मौसम में बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि जब हम बड़े लोगों को गर्मी में हेल्थ की समस्या होती है तो बच्चों को और ज्यादा होने का खतरा रहता है.
बच्चों की शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए उनको ऐसे फूड दें जो तरल हों. तरल पदार्थों से बच्चों को ऊर्जा भी मिलती है और हाइड्रेड भी बने रहते हैं.
नियमित अंतराल पर कुछ न कुछ खिलाते रहें. बच्चों को फल खाने के लिए दें. बच्चा अगर फल नहीं खाता है तो हेल्दी व टेस्टी स्मूदी बनाकर दें.