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नमक को लेकर हमेशा आप कुछ न कुछ जानकारी लेते रहते हैं. नमक में सोडियम पाया जाता है जिसे अधिक खाने से हार्ट की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. बाजार इस जानकारी का उपयोग करके कम सोडियम (Low Sodium Salt) वाले नमक को बाजार में उतार दिया है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि, क्या सच में नमक से सोडियम कम किया जा सकता है ? अगर कम की जा सकती है तो फिर आप नमक से मिलने वाले सोडियम की जगह क्या खा रहे हैं ? आइए जानते हैं नमक का सच.
सबसे पहले हम यह जान लें कि नमक क्या है ? हम जो नमक खाना बनाने में उपयोग करते हैं, वह रसायन विज्ञान के अनुसार सोडियम क्लोराइड है. नमक एक तरह से सोडियम और क्लोरीन का एक अणु है. अर्थात जब सोडियम और क्लोरीन एक साथ मिलते हैं तो एक नमक का कण बनता है.
इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सोडियम और क्लोरीन के बिना नमक बन ही नहीं सकता है. जैसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर पानी बनाते हैं. अगर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा में कम ज्यादा हो जाये तो पानी नहीं बनता है.
अब समझने की बात यह है कि जब सोडियम और क्लोरीन की मात्रा में बदलाव करने से नमक बन ही नहीं सकता, तो लो-सोडियम नमक कैसे तैयार हो सकता है.
अगर सोडियम की मात्रा कम हो जाये तो जो अणु बनेगा वो नमक नहीं होगा. फिर लो-सोडियम (Low Sodium Salt) नमक कैसे बाजार में आ रहा है ?
ज्यादातर डाइट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नमक में सोडियम की मात्रा को कम नहीं किया जा सकता है. कोई भी नमक हो उसमें सोडियम की मात्रा उतनी रहेगी ही जितनी होनी ही चाहिए.
नमक के प्रचार में लो-सोडियम (Low Sodium Salt) नमक की जो बात कही जाती है, उसमें नया प्रयोग है. दरअसल नमक में एक दूसरे रसायन की मिलावट की जाती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नमक बनाने वाले पोटैशियम क्लोराइड मिलाते हैं.
सोडियम की जह पोटैशियम क्लोराइड (Potassium Chloride) मिलाने से नमक में क्लोरीन तो उतना ही रहता है. लेकिन सोडियम की जगह पोटैशियम को मिला दिया जाता है. जैसा की हम सभी जानते हैं सोडियम की ज्यादा मात्रा हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है.
यह बहुत ही सीधा सा जवाब है, क्योंकि नमक और पोटैशियम दोनों एक जैसे दिखते हैं. पोटैशियम की कोई अपनी महक नहीं होती है. ज्यादातर मामलों में चावल के आटे के साथ मिलाकर इसका प्रयोग नमक में किया जाता है.
रसायन विज्ञान की नजर से देखें तो यह ठीक नहीं है. लेकिन पोटैशियम और सोडियम एक जैसे ही साल्ट हैं तो इसका प्रयोग किया जा सकता है. जैसा की हम सभी जानते हैं विज्ञान में एक रसायन से दूसरे रसायन की क्रिया से तीसरा पदार्थ बनता है.
पोटैशियम पानी में आसानी से घुल जाता है. खाना पकाने में इसका प्रयोग आसानी से किया जा सकता है. वैसे तो पोटैशियम का उपयोग कई तरह की दवाओं में भी किया जाता है.
सोडियम की तरह पोटैशियम का भी अधिक सेवन हार्ट के लिए ठीक नहीं होता है.
कुछ लोगों को पोटैशियम की अधिक मात्रा के कारण फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है.
लो-सोडियम नमक खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
सोडियम और पोटैशियम की मात्रा पर ध्यान देने से अच्छा है कि कम नमक का उपयोग किया जाए.
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