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खाना बनाने के लिए आप घर में कौन से तेल का उपयोग करते हैं, सरसों , रिफाइन्ड या फिर किसी प्रकार के बीज से निकला हुआ तेल, जिसे कोल्ड प्रेस्ड (cold pressed oil) भी कहा जाता है ? अगर आपका जवाब है कि आप खाना बनाने के लिए महीने में तीनों का ही इस्तेमाल कर लेते हैं तो आपको ये जानना होगा कि आपका स्वास्थ्य कहीं न कहीं खतरे में है। जी हां, हम भले ही अनजाने में इन तीनों तेल का इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। रिफाइन्ड तेल के स्वास्थ्य हानिकारक प्रभाव तो आप जानते ही होंगे साथ ही बाजार में शुद्ध सरसों का तेल मिलना अब मुश्किल हो गया है और बात रही कोल्ड प्रेस्ड (cold pressed oil) तेल की तो ये तेल थोड़ा महंगा पड़ता है इसलिए लोग इसका प्रयोग थोड़ा कम ही करते हैं। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट शुचि अग्रवाल इस लेख में आपको इन तीनों के बीच का अंतर बता रही हैं, आइए जानते हैं कौन सा तेल आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है।
कोल्ड प्रेस्ड (cold pressed) एक ऐसा तरीका है, जिसमें बीज या गिरी का तेल निकाला जाता है लेकिन उससे पहले उस बीज को अच्छे से दबाया या फिर कूटा जाता है, जिसके बाद उसमें से तेल निकाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ और सिर्फ हल्की मशीनों का उपयोग किया जाता है। ये मशीने गरम नहीं होती और अगर होती भी हैं तो बहुत हल्की गरम होती हैं। कोल्ड प्रेस्ड जैसी प्रकिया को करते हुए तेल निकालने के दौरान किसी प्रकार का कोई बाहरी केमिकल नहीं मिलाया जाता है। इस कारण से कोल्ड प्रेस्ड तेल को एकदम शुद्ध बताया जाता है। आप देखेंगे कि कोल्ड प्रेस्ड तरीके से निकाले गए तेल का स्वाद, खुशबू, पौष्टिकता एक शुद्ध होती है और इसके सभी गुण मौलिक बीज जैसे ही होते हैं। कोल्ड प्रेस्ड तरीके से निकले गए तेल को छाना भी नहीं जाता है इसलिए इस प्रकार का तेल बहुत ही गुणकारी होता है।
दरअसल कोल्ड प्रेस्ड प्रक्रिया से निकाला गया तेल सिर्फ और सिर्फ बीजों से ही निकाला जाता है इसीलिए कोल्ड प्रेस्ड तेल, आम तेल से महंगा भी होता है।
जैतून का कोल्ड प्रेस्ड तेल इन दिनों सबसे ज्यादा चलन में है। हालांकि नारियल (cold pressed coconut oil), तिल जैसे कोल्ड प्रेस्ड तेल भी बाजार में उपलब्ध हैं। कोल्ड प्रेस्ड को कच्चा ही प्रयोग किया जाता है या फिर थोड़ा बहुत हल्का गरम कर प्रयोग में लाया जा सकता है। यूं तो हर तेल के अलग-अलग गुण होते हैं और हर तेल को गरम करने का तापमान भी अलग-अलग होता है। जैतून का तेल सबसे सॉफ्ट होता है जबकि नारियल का कोल्ड प्रेस्ड तेल गरम कर प्रयोग किया जा सकता है।
कच्ची घानी सरसों के तेल को भारत में “कच्ची घानी” के तेल से भी जाना जाता है। इसे भी एक प्रकार से कोल्ड प्रेस्ड तेल ही बोल सकते हैं लेकिन ऐसा तेल बाजार में अब मिलना मुश्किल है। इस तेल में भी किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है और न ही तेल को निकालने के लिए गर्म मशीनों का प्रयोग किया जाता है। इस तेल को भी नहीं छाना जाए तो इसमें सरसों के बीज के सभी गुण मौजूद होते हैं।
रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया थोड़ी अलग है लेकिन इसमें कुछ हिस्सा कोल्ड प्रेस्ड जैसा ही होता है। दरअसल जब बीज से तेल निकाला जाता है तो पूरा तेल नहीं प्राप्त होता। जब तेल को पूर्ण रूप से निकालने के लिए इसमें किसी प्रकार का साल्वेंट (solvent) डाला जाता है। इस साल्वेंट का काम बीज से तेल को अलग करना होता है। सॉलवेंट मिलाने के बाद बीज को गर्म कर उसमें से तेल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में बीज से पूरा तेल बाहर आ जाता है, जिसे छानकर रिफाइंड तेल बनाया जाता है।
शुचि अग्रवाल के मुताबिक, कोल्ड प्रेस्ड तेल का उपयोग खाने में बहुत अच्छा है क्योंकि इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। कोल्ड प्रेस्ड तेल को कच्चा उपयोग करना या फिर हल्का गरम करके ही प्रयोग करना काफी फायदेमंद होता है। आपको इसे तेज गरम नहीं करना चाहिए और तलने का काम तो कतई नहीं करना चाहिए।