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दूध पीना भारतीय संस्कृति में बहुत आवश्यक माना जाता है क्योंकि यह हमें आवश्यक ऊर्जा देता है। कैल्शियम का स्त्रोत है और दूध के स्त्रोत अक्सर भैंस, गाय, बकरी, ऊंटनी आदि माने जाते हैं। परंतु हाल ही में गाय के दूध का एक नया टाइप सामने आया है जिसे ए2 दूध कहा जाता है। यह दूध बाकी प्रकार के दूधों के मुकाबले बहुत जल्दी पच जाता है। अपने इन्हीं गुणों के कारण विदेशों में भी ए2 दूध की डिमांड बढ़ रही है।
दूध की गुणवत्ता गाय की ब्रीड पर भी निर्भर करती है। अभी ए1 से अधिक ए2 दूध अधिक सेहतमंद माना जाता है। ए2 दूध उन लोगों के लिए बढ़िया माना जाता है जो लोग लैक्टोज़ इनटोलरेंस होते हैं। अक्सर इन दोनों प्रकार के दूध में एक जंग छिड़ी होती है कि इनमे से कौन सा दूध बेहतर है? तो आइए पहले इन दोनों प्रकार के दूध का मतलब जान लेते हैं।
दूध के प्रोटीन को कैसिन कहा जाता है। इस कैसिन के कई प्रकार होते हैं जिनमें से एक होता है बीटा कैसिन। इस बीटा कैसिन के दो प्रकार होते हैं जिन्हें हम ए1 व ए2 दूध कहते है। तो आइए गहनता से जानते हैं ए1 व ए2 बीटा कैसिन दूध के विषय में।
ए1 दूध : जो दूध उत्तरी यूरोपियन गायों की अधिकतर नस्लों में पाया जाता है उसे आम तौर पर ए1 बीटा कैसिन कहा जाता है। इन गायों में भारतीय देसी गायों के मुकाबले कम प्रोटीन मात्रा होती है।
ए2 दूध : जो दूध ज्यादातर भारतीय देसी गायों की नस्लों में पाया जाता है उसे ए2 बीटा कैसीन कहते हैं। इन में हर लैक्टेशन चक्र के समय लगभग 1,400-2,400 किलोग्राम दूध निकलता है।
सामान्य दूध में दोनों ए1 व ए2 पाए जाते हैं परन्तु यदि हम केवल ए2 दूध लेते हैं तो उस में ए1 नहीं पाया जाता है। आम तौर पर यह माना जाता है कि ए2 लोगों के लिए अधिक सुरक्षित होता है।
लूज मोशन या लैक्टोज़ इनटोलरेंस जैसी कोई समस्या है या फिर आप का पेट सामान्य दूध पीने के कारण खराब रहता है तो आप ए2 दूध का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आप को पर्याप्त पोषण व कैल्शियम तो मिलेगा ही और साथ में आप को दूध पीने से होने वाले साइड इफेक्ट्स भी नहीं दिखाई देंगे।
शिशु के लिए ए2 दूध का सेवन सुरक्षित है। क्योंकि यह आसानी से पच जाता है।
ए 2 दूध में सूजन विरोधी गुण होते हैं जिससे शरीर में होने वाली सूजन सही होती है।
टाइप 1 डाइबिटीज होने की सम्भावना : अक्सर यह माना जाता है कि जो लोग a1 दूध पीते हैं उन को टाइप 1 डाइबिटीज होने का अधिक खतरा होता है।
कुछ अध्ययनों ने यह साबित किया है कि इस प्रकार के दूध से लोगों में हृदय से सम्बन्धित रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
ए1 प्रकार के दूध में बीसीएम 7 होता है। अतः यह शिशुओं की मृत्यु का भी कारण माना जा सकता है।
बीसीएम 7 भी आप को इस स्थिति में लाने के लिए पूरा जिम्मेदार होता है। और जैसा कि हम जानते हैं कि a1 दूध में बीसीएम 7 होता है और इसलिए आप को ऑटिज्म होने की अधिक सम्भावना होती है।