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WHO ने 2023 को मिलेट्स का अंतर्राष्ट्रीय साल (International Year of Millets 2023) घोषित किया है ताकि मिलेट्स के महत्त्व को दर्शाया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी भी मिलेट्स के उत्पादन और खपत बढ़ाने पर जोर दिया है। मिलेट्स को सुपरफूड के तौर पर देखा जा रहा है, जो पोषक तत्वों से युक्त हैं। मिलेट्स के अंतर्गत कई प्रकार मोटे अनाज आते हैं। ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू जैसे 9 मोटे अनाज मिलेट्स के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन आज हम आपको सिर्फ रागी के बारे में बताएंगे। रागी एक ऐसा अनाज है जो भारत और अफ्रीका के बहुत से क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसे होल मील के रूप में प्रयोग किया जाता है और रोटी, डंपलिंग, अंबाली जैसी चीजों को तैयार करते समय इसका प्रयोग किया जाता है। होल ग्रेन सीरियल्स का नियमित रूप से सेवन करना और उनसे बनी चीजों का सेवन करने से हृदय रोगियों, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आदि जैसे डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को काफी मदद मिलती है।
रागी में लगभग 5 से 8 प्रतिशत प्रोटीन होता है, 1 से 2 प्रतिशत एथर एक्सट्रेक्टिव, 65 से 75 प्रतिशत कार्ब्स, 15 से 20 प्रतिशत डाइट्री फाइबर और 2.5 से 3.5 प्रतिशत मिनरल्स पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम कंटेंट बाकी सीरियल्स के मुकाबले सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसमें 344 एमजी पर 100 ग्राम कैल्सियम पाया जाता है।
केक एक ऐसी डिश है जिसे बूढ़े और बच्चों से लेकर जवां भी पसंद करते हैं। लेकिन केक में प्रयोग होने वाले प्रोसेस्ड शुगर और मैदे के कारण काफी सारी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इसलिए इस रेसिपी में हम रागी से एक केक बनाएंगे जो न केवल स्वस्थ्य समस्याओं को दूर करेगा बल्कि आपको सेहतमंद रखने में आपकी मदद करेगा।
निष्कर्ष
रागी एक काफी पौष्टिक आहार है और यह प्रोटीन, मिनरल और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। इसमें कैलशियम और फाइबर की मात्रा भी अच्छी पाई जाती है। इसमें इन सॉल्युबल फाइबर पाए जाते हैं जो पाचन और कब्ज में काफी मददगार होते है। रागी को कई तरह से प्रयोग किया जा सकता है। इससे इडली, डोसा, बर्फी, कप केक और लड्डू, पराठा और रोटी आदि बनाई जा सकती हैं।
(Inputs By: Prof (Dr.) Medha Kulkarni, HoD Swasthvritta Department, AIIA-Delhi)
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