Juice Fasting For Weight Loss: वेट लॉस अर्थात वजन कम करने के लिए कई तरह डाइट प्लान हैं. तेजी से वेट लॉस के लिए जूस फास्टिंग की सलाह दी जाती है. अगर आप वेट ळॉस के लिए जूस फास्टिंग करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों को जरूर जान लेना चाहिए। जूस फास्टिंग करने से पहले आपको इसके असर और जूस फॉस्टिंग का सही तरीका जरूर पता होना चाहिए. जूस फास्टिंग करने के लिए क्या सावधानियां रखनी चाहिए इसका भी विशेष ध्यान रखना होता है. । वेट लॉस टिप्स : करना है 1 महीने में वजन कम, तो जरूर ट्राई करें ये टिप्स।
वैसे तो सब्जी और फल के जूस शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं लेकिन सिर्फ जूस पर रहना एक कठिन काम है। जूस में विटामिन, खनिज तो होते हैं लेकिन शरीर के लिए अन्य पोषक तत्व तब तक नहीं मिलते हैं जब तक आप जूस फॉस्टिंग करते हैं। वेट लॉस टिप्स: वजन घटाकर शरीर को रखना है स्लिम-ट्रिम, तो जरूर करें ये 7 काम।
वजन कम करने में भी जूस फास्टिंग फायदेमंद है क्योंकि यह शरीर का हल्का, हाइड्रेटेड और पौष्टिकता से परिपूर्ण करता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि जूस फास्टिंग कैंसर को रोक सकता है, हालांकि ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जिसने अभी तक यह साबित किया हो। वेट लॉस के लिए सुबह पीएं अजवायन-जीरा वाला पानी।
जूस फास्टिंग के लिए आप जैविक सब्जियों और फलों को चुन सकते हैं, क्योंकि उनके बारे में माना जाता है कि उन पर कम रसायन और कीटनाशक होते हैं। सब्जियों के रस को फलों के रस की तुलना में अधिक शामिल करें। यह सुनिश्चित करें की जो जूस आप ले रहें हैं वो न्यूट्रिएंट्स से भरा हो। बहुत शक्कर से भरा न हो। एसिडिक भी न हो।जूस फास्टिंग किसी भी अन्य आहार की तरह आपके शरीर पर काम नहीं करती। वेट लॉस टिप्स: आजमाकर देखें ये 5 टिप्स, चुटकियों में होगा वजन कम।
जूस फास्टिंग सबके लिए नहीं है, क्योंकि कई बार केवल जूस पर रहना एसिडिटी, सिर दर्द, गैस और दस्त का कारण भी बन जाता है। जूस को अपने आहार में शामिल करते समय काफी ध्यान रखना होता है ताकि आपका वेट कम के बजाय बढ़ने न लगे। शरीर के रक्त में शुगर के स्तर में भी गड़बड़ी पैदा कर सकती है। छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बूढ़े लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए जूस फास्टिंग नहीं बनी है। हल्दी का सेवन भी करें जरा संभलकर होते हैं ये 7 नुकसान।
जूस आपके बॉडी से केमिकल्स निकल कर टॉक्सिन मुक्तकर्ता है। क्योंकि जूस के आलावा और कुछ नहीं ले रहे होते इसलिए शुरुआती दिनों में थकान और थकान का अनुभव करना संभव है। गंभीर मामलों में, यह दस्त, निम्न रक्तचाप और अत्यधिक चक्कर जैसी प्रॉब्लम भी हो सकती है।
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