बढ़ती उम्र में बच्चों का विकास सही तरह से हो सलिए उन्हें पोषक तत्वों की खास जरूरत होती है। बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास को भी बूस्ट करने में पोषक तत्व अहम भूमिका निभाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि 2 से 6 साल के बच्चों को सही मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत होती है। भारत जैसे विकासशील देश में कोविड-19 जैसे अन्य वायरसों से लड़ने के लिए और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए न्यूट्रीशंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चों की डाइट हरी सब्जियों, फलों, प्रोटीन, डेयरी प्रॉडक्ट्स और दालों से लैस होनी चाहिए। पोषक तत्व न सिर्फ बच्चों के विकास के लिए जरूरी होते हैं बल्कि ये बच्चों की इम्युनिटी भी बूस्ट करते हैं। आइए नेशनल न्यूट्रीशन्स वीक (National Nutrition Week 2021) के मौके पर विस्तार से जानते हैं बच्चों का डाइट प्लान (Diet Plan For Children) कैसे तैयार करें और उसमें क्या क्या न्यूट्रीशंस होने चाहिए।
शोधकर्ता कहते हैं कि रिसर्च में पाया जा चुका है कि हेल्दी ब्रेकफास्ट करने के बाद बच्चे ज्यादा एक्टिव और अलर्ट रहते हैं। बच्चों के सुबह का नाश्ता कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से लैस होना चाहिए। बच्चों के नाश्ते में स्टफ्ड पराठा, पनीर रोल, अंडा सैंडविच, पोहा, उपमा, स्प्राउट्स और वेज सेंडिविच आदि होना चाहिए। इनके अलावा बच्चों के नाश्ते में दालें, दूध, दही, फल, सब्जियां, नट्स और जूस आदि होने चाहिए। बच्चों के सुबह का नाश्ता सबसे हेल्दी और हैवी होना चाहिए। क्योंकि यह वो मील होती है जिसे बच्चे 8-10 घंटे बाद लेते हैं। बच्चों के लंच और डिनर में दालें, नॉन वेजिटेरियन सूप, रोटी, चावल, सब्जियां, सलाद, दही और रायता होना चाहिए। ये डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिंस और अन्य मिनरल्स जैसे कि आयरन और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो बच्चों के विकास और उनकी संपूर्ण हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं।
क्योंकि बच्चें दिन दिनों घर से पढ़ाई कर रहे हैं इसलिए उन्हें बीच बीच में भूख लगती है। अपना काम हल्का करने के लिए बच्चों को नूडल्स, बर्गर, ऑयली और डीप-फ्राई जैसी चीजें न दें। बच्चे इन्हें स्वाद से खा तो लेते हैं लेकिन इन्हें पचाने में बहुत मुश्किल होती है। जिसके चलते बच्चे बचपन में ही ओबेसिडी, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। बच्चों को ज्यादा फास्ट फूड, चॉकलेट और मीठी चीजें खाने से भी रोकना चाहिए। अच्छी तरह से हाइड्रेट रखने के लिए बच्चों को रोज 4-5 ग्लास पानी पिलाएं।
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