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प्रेगनेंसी में विटामिन सी नहीं लेने से बच्चे के सेहत पर क्या असर पड़ता है ?

प्रेगनेंसी में विटामिन सी नहीं लेने से बच्चे के सेहत पर क्या असर पड़ता है ?

शिशु को intelligent बनाने के लिए कौन-सा विटामिन लेना होता है ज़रूरी?

Written by Agencies |Published : July 31, 2017 3:55 PM IST

अक्सर प्रेगनेंसी के समय महिलायें अपने खान-पान का ध्यान नहीं रखती है, जिसका सीधा असर शिशु के सेहत पर पड़ता है। हाल के एक रिसर्च से ये पता चला है कि गर्भवती महिलाओं की खुराक में विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार व उपापचय में समस्या की संभावनाएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में विटामिन ई की खुराक सीखने का कौशल बढ़ाने में मददगार है। इस शोध को जेब्राफिश पर किया गया है, क्योंकि उसका तंत्रिका तंत्र संबंधी विकास मानव की तरह ही है। इस शोध में पता चला है कि जेब्राफिश में निषेचन के पांच दिनों बाद भ्रूण में विटामिन ई की कमी से ज्यादा विकृतियां और मृत्यु की संभावना ज्यादा पाई गई। साथ ही यह डीएनए के मेथिलेशन स्तर को पांच दिन में बदल देता है। एक अंडे को तैरने योग्य जेब्राफिश बनने में पांच दिन का समय लगता है।

हालांकि, जन्म के बाद इन्हें विटामिन ई की उचित मात्रा दिए जाने के बाद भी ये मछलियां सीखने में असफल रहीं और ये डरी हुई पाई गईं।अमेरिका के ओरेगोन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मारेट ट्राबेर ने कहा, "यद्यपि इनमें दिमाग का गठन हुआ, लेकिन ये बेवकूफ रहीं और सीखने में सफल नहीं रहीं और सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे सकीं।" ट्राबेर ने कहा कि विटामिन ई की कमी से इन भ्रूणों में चोलीन और ग्लूकोज की कमी रही और इनका विकास सही तरीके से नहीं हुआ। क्या आपको पता है गर्भावस्था के समय मछली खाने से शिशु की बुद्धि तेज होती है और सही तरह से उनका मानसिक विकास होता है।

सौजन्य:IANS Hindi

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चित्र स्रोत: Shutterstock