Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
एक हरी सब्जी है जो अस्पष्ट रूप से एक लघु वृक्ष के समान है। यह पौधों की प्रजातियों के अंतर्गत आता है जिन्हें ब्रैसिका ओलेरासिया के नाम से जाना जाता है। यह गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, केल और फूलगोभी से निकटता से संबंधित है - सभी खाद्य पौधों को सामूहिक रूप से क्रूसिफस सब्जियों के रूप में जाना जाता है। स्वीट कॉर्न, जुकीनी, ओलिव आदि को 'एग्ज़ोटिक सब्जियां' बताकर अक्सर रोज़मर्रा के खाने से ने नदारद कर दिया जाता है। ब्रोकली भी इन्हीं सब्जियों में से एक है और सूप, पास्ता, पिज़्ज़ा, नूडल्स आदि की बात हो, तभी इसका ज़िक्र आता है, हालांकि फिर भी देश में इसका एक लम्बे समय से काफी प्रचालन देखा गया है। इसका कारण है इसमें व्याप्त पोषक तत्व जो पेट, मांसपेशियों से लेकर त्वचा तक के लिए लाभदायक होती है साथ ही कई मायनों में कैंसर तक से बचाव करते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते हैं ब्रोकली को क्या क्या बातें खास बनातीं हैं:-
हड्डियों की मजबूती के लिए:- एक कप ब्रोकली में तकरीबन 43 मिलीग्राम कैल्शियम और 92 माइक्रोग्राम विटामिन 'के' मौजूद होता है। विटामिन 'के' एक ऐसा तत्त्व है जिसकी कमी से बोन फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन 'के' कैल्शियम एब्सोर्ब करने की प्रक्रिया में भी मददगार होता है। कुल मिलकर ब्रोकली आपकी हड्डियों की सेहत भी दुरुस्त करने में मदद करता है। इसलिए इसे बच्चों के खाने में भी विशेष तौर पर जोड़ना चाहिए।
स्वस्थ बालों के लिए:- ब्रोकली में मौजूद विटामिन सी, के और कैल्शियम बालों की ग्रोथ और स्वस्थ बनाने में मदगार होते हैं। इसलिए बालों के झड़ने की समस्या से जूझने वाले लोग अपने डाइट प्लान में इसे जोड़ सकते हैं और फर्क देख सकते हैं।
कैंसर से लड़ने में मददगार:- ब्रोकली में पाया जाने वाला सल्फरयुक्त योगिक सल्फोरान कैंसर से लड़ने में सहायक होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि ब्रोकोली सहित क्रूसिबल सब्जियां हमारे कोशिकाओं को अवांछित आक्रमणकारियों से बचाने में महान हैं। सब्जी में सल्फोराफेन होता है, एक यौगिक जिसमें शक्तिशाली एंटीकैंसर गुण हो सकते हैं जो कोशिका क्षति को कम करने में मदद करते हैं जो रोग के कारण होते हैं।
सूजन को कम करता है: एंटीऑक्सिडेंट के ब्रोकोली की उच्च प्रोफ़ाइल इसे सूजन से लड़ने के लिए एक प्रतियोगी बनाती है। केम्पफेरोल, ब्रोकोली में मौजूद एक प्राकृतिक फ्लेवोनोल सूजन को कम करने में विशेष रूप से अच्छा है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करें: मधुमेह वाले लोगों के लिए, ब्रोकोली रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में विशेष रूप से प्रभावी हो सकता है। ब्रोकोली में घुलनशील फाइबर पाचन को धीमा करके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है जो तब चीनी के अवशोषण को धीमा कर देता है और रक्त शर्करा के स्पाइक्स को रोकता है।
एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर:- ब्रोकली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर ब्लड शुगर का स्तर बेहतर करने में मदद करता है, खासतौर पर माना गया है कि इससे व्यक्ति में टाइप2 डायबिटीज कण्ट्रोल करने में मदद करती है।
त्वचा के लिए लाभदायक:- ब्रोकली में मौजूद विटामिन सी त्वचा सम्बन्धी समस्याओं जैसे शुष्क त्वचा, झुर्रियां आदि से लड़ने में मददगार होता है। विटामिन सी कोलेजेन के निर्माण में मददगार होता है जो मूल रूप से त्वचा के सिस्टम का हिस्सा होता है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए और ई भी त्वचा की स्वस्थ कोशिकाओं के लिए ज़रूरी होते हैं।
ब्रोकली को कच्चा या पका कर दोनों तरीकों से खाया जा सकता है। ब्रोकली का कोई भी व्यंजन बनाते समय ध्यान रखें कि इसे बहुत ज्यादा डीप फ्राई या बहुत पकाया न जाए। हालाँकि स्वाद के नज़रिए से इसे कई तरह से बनाया और खाया जाता है लेकिन अगर आप चाहते हैं कि ब्रोकली के सभी पोषक तत्व आपके शरीर को लाभ पहुंचाएं तो इसे भाप में पकाएं या बहुत तेज़ आंच पर तलें या भुने नहीं, नहीं तो इसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसका उदाहरण बाज़ार में मिलने वाले पास्ता को बनाने कि विधि में देखा जा सकता है जिसमे डालने वाली सभी सब्जियों को बहुत ज्यादा फ्राई न करके बहुत ही हल्का फ्राई किया जाता है, जिससे उनका फ्लेवर भी बना रहता है और पोषक तत्व भी. इन्हीं में से एक ब्रोकली भी होती है।
एक जैसी दिखने के कारण ब्रोकली को भी फूलगोभी के ही समकक्ष मान लिया जाता है और शायद इसलिए ही कीमत के इतने फर्क के कारण ब्रोकली की जगह फूलगोभी का विकल्प चुना जाता है। ब्रोकली और फूलगोभी दोनों में तकरीबन सामान मात्रा में कार्बोहायड्रेट और फाइबर होता है जो पाचन में सहायक होता है लेकिन रंग और पोषक तत्वों के नज़रिए से दोनों में बहुत फर्क है :-
● ब्रोकली में विटामिन ए होता है जबकि फूलगोभी में नहीं होता
● ब्रोकली में विटामिन्स फूलगोभी की तुलना में अधिक होता है खासकर विटामिन के और सी
● फूलगोभी में ब्रोकली के मुकाबले कम कैलोरीज होतीं हैं
● ब्रोकली में फूलगोभी के मुकाबले कम सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है
ब्रोकली का सेवन करने के लिए एहतियात:- हालांकि ब्रोकली का कोई बहुत बड़ा साइड इफ़ेक्ट नहीं बताया जाता लेकिन अक्सर इसके ज़रूरत से ज्यादा इसका सेवन पर पेट दर्द की समस्या हो सकती है जिसका कारण है इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर का होना। इसलिए एहतियात के तौर पर पेट की किसी समस्या से या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें या न करें।
(इनपुटः डायटीशियन आशिमा नय्यर पारस हॉस्पिटल , पंचकूला)