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अंडे गर्मी में क्‍या रोज खाए जा सकते हैं?

अंडे गर्मी में क्‍या रोज खाए जा सकते हैं?
अंडे गर्मी में खाने चाहिए या नहीं, इस पर अकसर लोगों में मतभेद रहता है। कुछ लोगों का मानना है कि गर्मियों में हर रोज अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है जो सेहत के लिए खतरनाक है पर हाल ही में हुई स्‍टडी ने इस बात को खारिज कर दिया है। © Shutterstock.

अंडे गर्मी में खाने चाहिए या नहीं, इस पर अकसर लोगों में मतभेद रहता है। कुछ लोगों का मानना है कि गर्मियों में हर रोज अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है जो सेहत के लिए खतरनाक है पर हाल ही में हुई स्‍टडी ने इस बात को खारिज कर दिया है।

Written by Yogita Yadav |Published : May 21, 2019 9:03 PM IST

अंडे गर्मी में खाने चाहिए या नहीं, इस पर अकसर लोगों में मतभेद रहता है। कुछ लोगों का मानना है कि गर्मियों में हर रोज अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है जो सेहत के लिए खतरनाक है पर हाल ही में हुई स्‍टडी ने इस बात को खारिज कर दिया है। कुछ ऐसी स्टडीज आई थीं जिनमें कहा गया कि ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के सेवन से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है और इसलिए अंडा खाना सही नहीं है, लेकिन हाल ही में आई स्टडी कुछ और ही कहती है।

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अंडे गर्मी में हर रोज

अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है। प्रोटीन जरूरी पोषक तत्वों को बॉडी के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने में मदद करता है और सेल्स के प्रॉपर फंक्शन में भी सहायक होता है। हालांकि कई बार यह सवाल उठता रहा है कि क्या वाकई अंडा सेहत के लिए फायदेमंद है? खासकर तब जब उसमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी ज्यादा होता है। कोलेस्ट्रॉल का इतना स्तर हार्ट के लिए बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है। कुछ ऐसी स्टडीज भी सामने आई थीं जिनमें कहा गया कि ज्यादा कलेस्ट्रॉल के सेवन से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अब जो स्टडी आई है वह इन स्टडीज के उलट है और दावा करती है अंडे खाने से स्ट्रोक का खतरा नहीं बढ़ता।

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क्‍या कहता है शोध

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड की एक स्टडी के अनुसार, रोजाना एक अंडा खाने से स्ट्रोक का खतरा नहीं बढ़ता। अगर अंडे का सेवन नियमित तौर पर सामान्य मात्रा में किया जाए तो इससे हार्ट को कोई रिस्क नहीं होता। इस स्टडी को अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित किया गया है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 1984 से 1989 के बीच 42 से 60 साल की उम्र के ऐसे 1950 पुरुषों पर शोध किया जिनमें किसी भी तरह की हार्ट संबंधी बीमारी नहीं पाई गई। इनमें से भी सिर्फ 1,015 पुरुषों से ही संबंधित APOE फीनोटाइप डेटा उपलब्ध था। इस स्टडी के तहत इन लोगों का 21 साल तक परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान करीब 217 स्ट्रोक के मामले सामने आए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इनमें से एक भी स्ट्रोक न तो डायटरी कलेस्ट्रॉल की वजह से था और न ही अंडे के सेवन से।

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और भी हैं फेक्‍टर

हालांकि इस स्टडी के मामले में और भी रिसर्च की आवश्यकता है क्योंकि इस रिसर्च में जनसंख्या के एक छोटे से हिस्से पर ही शोध किया गया। इसके अलावा जो लोग शोध में शामिल थे उनमें स्टडी के दौरान किसी भी तरह की हार्ट संबंधी बीमारी नहीं थी।