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डायबिटीज को लेकर लोगों के मन में रहती हैं ये 5 खतरनाक बातें

डायबिटीज को लेकर लोगों के मन में रहती हैं ये 5 खतरनाक बातें
Diabetes myths and facts: डायबिटीज से जुड़े मिथक | TheHealthSite Hindi

डायबिटीज से जुड़े मिथक बहुत से हैं. मधुमेह या टाइप 2 डायबिटीज रोगियों के लिए हर किसी के पास टिप्स मिल जाते हैं. डायबिटीज रोगी को कई तरह के मिथक और फैक्ट्स की जानकारी होनी चाहिए.

Written by akhilesh dwivedi |Updated : January 17, 2020 5:39 PM IST

मधुमेह या डायबिटीज को लेकर कई तरह के मिथक लोगों के मन में रहते हैं। डायबिटीज को लेकर कई तरह भ्रम लोगों के दिमाग में रहते हैं। डायबिटीज की बीमारी में कुछ भ्रम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। डायबिटी की बीमारी में अगर मरीज ठीक से ख्याल नहीं रखता तो वह बीमारी को और गंभीर बना देता है। हम यहां पर पांच ऐसे ही भ्रम के बारे में बात कर रहे हैं जो खतरनाक हो सकते हैं। डायबिटीज में टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज की बीमारी को लेकर अलग-अलग समस्याएं होती हैं। आइए जानते हैं 5 खतरनाक भ्रम के बारे में.....

एक्सरसाइज 

डायबिटीज से पीड़ित लोग सोचते हैं कि वे ज्यादा एक्सरसाइज नहीं कर सकते क्योंकि अगर वे ऐसा करेंगे तो उनकी ब्लड शुगर कम हो जाएगी। जबकि विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को एक्सरसाइज, इंसुलिन और आहार का संतुलन साधने की कोशिश करना चाहिए।

डायबिटीज के नियंत्रण में एक्सरसाइज महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और यह वजन नियंत्रण में भी मददगार होती है। मधुमेह या डायबिटीज रोगी को नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज से रहना है दूर तो डायट में शामिल करें ये 5 सुपर फूड।

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इंसुलिन को लेकर भ्रम

कई लोग यह भी कोशित करते हैं कि इंसुलिन से वे बचे रहें। यह सोच इसलिए है क्योंकि उनके बुजुर्ग इंसुलिन लेते थे फिर भी वे नहीं बचे तो उन्हें लगता है इंसुलिन घातक है। लेकिन ऐसा है नहीं। इंसुलिन जीवनरक्षक है, बस लोग उसका प्रबंध ठीक से नहीं कर पाते हैं।

जब व्यक्ति इंसुलिन ले रहा है तो उसे अपने शरीर में शुगर के लेवल का ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं वह कम न हो जाए। शुगर लेवल कम हो जाना घातक हो सकता है। 5 विटामिन जो डायबिटीज को मैनेज करने में होते हैं मददगार।

इंसुलिन व टाइप-2 डायबिटीज 

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि उन्हें डायबिटीज है मतलब उनके शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन रही है जबकि टाइप-1 डायबिटीज के मामले में यह बात ठीक है जबकि पेंक्रियाज में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता है।

जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज होती है उनके शरीर में इंसुलिन तो पर्याप्त बनती है, दिक्कत यह है कि इंसुलिन ठीक तरह से काम नहीं करती है। यहां इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं को भोजन से मिलने वाले ग्लूकोज के अवशोषण में मदद नहीं कर पाती है। समय के साथ पेंक्रियाज भी इंसुलिन बनाना बंद कर देता है तो उन्हें इंजेक्शन के सहारे इंसुलिन लेना पड़ता है। डायबिटीज से जुड़ी पांच गलत बातें जिसे लोग सच मानते हैं।

मीठी चीजों को लेकर 

अधिकतर लोग यह भी मानते हैं कि बहुत ज्यादा शकर या मीठी चीजें खाने से डायबिटीज होती है। लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप डायबिटीज के मुहाने पर खड़े हों। शकर युक्त चीजें ज्यादा खाने से सीधे डायबिटीज नहीं होती बल्कि वजन बढ़ने का खतरा होता है और बढ़ता वजन ही डायबिटीज का कारण बनता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए शकर नुकसानदायक है लेकिन वे सभी चीजें भी नुकसानदायक हैं जो शरीर में पहुंचकर जल्दी ही ग्लूकोज मुक्त करती हैं। इसमें प्लेन पास्ता, व्हाइट ब्रेड, नूडल्स और चावल शामिल हैं। इन फलों में होती है शुगर की अधिक मात्रा, डायबिटीज के मरीजों को करना चाहिए परहेज।

शुगर लेवल को लेकर 

अक्सर लोग अपनी शुगर लेवल का अंदाज ही लगाते रहते हैं। उन्हें लगता है कि जब भी उन्हें थोड़े चक्कर आ रहे हैं या घबराहट हो रही है तो उनकी ब्लड शुगर कम हो रही है लेकिन ऐसा नहीं है, कई बार बुखार में भी ये सभी लक्षण होते हैं।

कई लोगों को लगता है कि वे इसलिए बार-बार पेशाब जा रहे हैं क्योंकि उनका शुगर लेवल ज्यादा है जबकि ऐसा ब्लैडर इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है। जितना लंबे समय तक डायबिटीज रहती है उतना ही उसका अनुमान लगाना कठिन हो जाता है। इसलिए सबसे बेहतर तरीका है कि ब्लड शुगर की जांच कराई जाए।

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