डायबिटीज में दांतों-मसूड़ों का रखें ज्यादा ध्यान, मुंह की इन गंभीर बीमारियों के होने का खतरा रहता है ज्यादा
अगर आप डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो आपके लिए यह जरूरी है कि आप अपने मुंह, दांतों और मसूड़ों का खास ख्याल रखें।
डायबिटीज (Diabetes) एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। जैसा कि, इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज़ का संचार करता है। इसीलिए, जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता तो पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म (Body Metabolism) पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
(Types of diabetes in hindi) हम जो भोजन करते हैं उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिसे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती हैं। यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाती हैं। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है। आमतौर पर डायबिटीज़ 3 प्रकार का होता है-
(Causes of diabetes in hindi) जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं-
(Symptoms of diabetes in hindi) पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर के अनुसार उसमें डायबिटीज़ के लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में अगर व्यक्ति प्री डायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज का से पीड़ित हो तो, समस्या की शुरूआत में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन, टाइप-1 डायबिटीज के मरीज़ों में डायबिटीज़ लक्षण बहुत तेजी से प्रकट होते हैं और ये काफी गंभीर भी होते हैं। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण ये हैं-
(Diagnosis of diabetes in hindi) डायबिटीज या मधुमेह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। डायबिटीज़ के निदान के लिए इस प्रकार के कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है-
ए1सी टेस्ट (A1C test or glycohaemoglobin test)
इस प्रकार का टेस्ट टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए किया जाता है। जिसमें, मरीज़ को हर 3 महीने में एक बार ब्लड टेस्ट कराना होता है और उसका एवरेज ब्लड ग्लूकोज़ लेवल जांचा जाता है। ए1सी टेस्ट में 5 से 10 तक के अंकों में ब्लड में ग्लूकोज़ का स्तर मापा जाता है। अगर टेस्ट रिपोर्ट में 5.7 से नीचे का आंकड़ा दिखाया जाता है तो वह नॉर्मल होता है। लेकिन अगर किसी का ए1सी लेवल 6.5% से अधिक दिखायी पड़ता है तो वह, डायबिटीज़ का मरीज़ कहलाता है।
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट
हाई ब्लड शुगर की स्थिति को समझने के लिए यह सबसे आम ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट के लिए व्यक्ति को खाली पेट रहते हुए ब्लड सैम्पल देना पड़ता है। जिसके लिए 10-12 घंटों तक भूखे रहने के लिए कहा जाता है। उसके बाद फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट
इस टेस्ट में भी खाली पेट रहते ही ब्लड सैम्पल लिया जाता है। यह टेस्ट करने से दो घंटे पहले मरीज को ग्लूकोज युक्त पेय पदार्थ पिलाया जाता है।
रैंडम ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट
इस प्रकार के टेस्ट में पीड़ित व्यक्ति के ब्लड सैम्पल की 4 बार जांच की जाती है। अगर ब्लड शुगर लेवल दो बार नॉर्मल से ज़्यादा पाया जाता है तो प्रेगनेंट महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज होने की पुष्टि की जाती है।
(Diabetes treatment in hindi) टाइप-1 डायबिटीज का कोई स्थायी उपचार नहीं है इसीलिए, व्यक्ति को पूरी ज़िंदगी टाइप-1 डायबिटीज का मरीज़ बनकर रहना पड़ता है। ऐसे लोगों को इंसुलिन लेना पड़ता है जिसकी मदद से वे अपनी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, टाइप-2 डायबिटीज के लक्षणों से बिना किसी दवा के प्रतिदिन एक्सरसाइज, संतुलित भोजन, समय पर नाश्ता और वजन को नियंत्रित करके छुटकारा पाया जा सकता है। सही डायट की मदद से टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा कुछ ओरल एंटीबायोटिक्स दवाएं टाइप-2 डायबिटीज को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं।
(Preventions of diabetes in hindi) डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी है जिससे, आपको आजीवन परेशानियां हो सकती हैं। डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन, कुछ सावधानियां बरतकर डायबिटीज की बीमारी से बचा जा सकता है।
अगर आप डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो आपके लिए यह जरूरी है कि आप अपने मुंह, दांतों और मसूड़ों का खास ख्याल रखें।
अपनी सुबह की सही शुरुआत करके लाखों लोग डायबिटीज से अपना बचाव कर सकते हैं।
साल 2021 में भारत में 20 से 79 साल के 74.9 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित थे। वहीं साल 2045 तक यह आंकड़ा करीब 124.9 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है।
Diabetes Mistakes: कुछ चीजें डायबिटीज को ट्रिगर करती हैं। ऐसे में इनसे परहेज आपके लिए अच्छा रहेगा।
आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के बहुत ही आसानी से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार हैं।
शोध बताते हैं कि जिन लोगों की दिनचर्या में वर्कआउट, एक्सरसाइज, योग, वॉक जैसी गतिविधियां नहीं होती हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने की आशंका अधिक होती है।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ऐसे पेय पदार्थों का नियमित सेवन करना चाहिए, जिनमें या तो जीरो कैलोरी हो या फिर बहुत ही कम कैलोरी हो।
डायबिटीज पेशेंट के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रख पाना एक बड़ी चुनौती होती है, ऐसे में उनके लिए हम यहां कुछ हल्दी पूछ के बारे में बता रहे हैं जो उनका शुगर कंट्रोल रखने में मदद करेंगे।
डायबिटीज के कई लक्षण आपकी स्किन पर भी नजर आते हैं। इन्हें देखकर भी आप इस बीमारी का पता लगा सकते हैं।
अक्सर लोगों के नाखून अलग-अलग होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये नाखून आपकी सेहत के सभी राज खोल देते हैं।
व्यायाम करने के बाद शरीर की इंसुलिन संवर्धक प्रभावशीलता बढ़ जाती है और आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य सीमा में रहता है।
Yoga Mudras For Diabetes: डायबिटीज के दौरान अगर आप हाथ और पैर वाली कुछ मुद्रा ट्राई करते हैं तो इससे भी आपको काफी लाभ मिल सकता है और आपकी ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
Breakfast Time For Diabetes Patient: सुबह इस समय नाश्ता करने से आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है, जानिए डायबिटीज रोगियों के लिए नाश्ता करने का सबसे अच्छा और सबसे खराब समय क्या है?
डायबिटीज पेशेंट को बहुत सोच समझकर अपने भोजन का चुनाव करना चाहिए। यहां शुगर पेशेंट के लिए नाश्ते के 7 बेहतरीन विकल्प दिए गए हैं:
नियमित फिजिकल एक्टिविटी और चिकित्सा उपचार के साथ इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से मधुमेह को प्रबंधित करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और चाहते हैं कि ब्लड शुगर लेवल प्राकृतिक रूप में ही कंट्रोल में आ जाए तो आपको अलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए।
योग एक सुगम तरीका है जो डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों के लिए योग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होता है।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल लंच करने के बाद बहुत बढ़ जाता है तो यहां आपके लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
अगर आप डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो आपके लिए यह जरूरी है कि आप अपने मुंह, दांतों और मसूड़ों का खास ख्याल रखें।
अपनी सुबह की सही शुरुआत करके लाखों लोग डायबिटीज से अपना बचाव कर सकते हैं।
साल 2021 में भारत में 20 से 79 साल के 74.9 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित थे। वहीं साल 2045 तक यह आंकड़ा करीब 124.9 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है।
आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के बहुत ही आसानी से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार हैं।
शोध बताते हैं कि जिन लोगों की दिनचर्या में वर्कआउट, एक्सरसाइज, योग, वॉक जैसी गतिविधियां नहीं होती हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने की आशंका अधिक होती है।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ऐसे पेय पदार्थों का नियमित सेवन करना चाहिए, जिनमें या तो जीरो कैलोरी हो या फिर बहुत ही कम कैलोरी हो।
डायबिटीज पेशेंट के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रख पाना एक बड़ी चुनौती होती है, ऐसे में उनके लिए हम यहां कुछ हल्दी पूछ के बारे में बता रहे हैं जो उनका शुगर कंट्रोल रखने में मदद करेंगे।
डायबिटीज के कई लक्षण आपकी स्किन पर भी नजर आते हैं। इन्हें देखकर भी आप इस बीमारी का पता लगा सकते हैं।
अक्सर लोगों के नाखून अलग-अलग होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये नाखून आपकी सेहत के सभी राज खोल देते हैं।
व्यायाम करने के बाद शरीर की इंसुलिन संवर्धक प्रभावशीलता बढ़ जाती है और आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य सीमा में रहता है।
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अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और चाहते हैं कि ब्लड शुगर लेवल प्राकृतिक रूप में ही कंट्रोल में आ जाए तो आपको अलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल लंच करने के बाद बहुत बढ़ जाता है तो यहां आपके लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि गर्मियों में ऐसे कई फल होते हैं जिनका डायबिटीज वाले लोग स्वस्थ व संतुलित आहार के रूप में आनंद ले सकते हैं।
गर्मी का समय छुट्टी लेने और बेफिक्र होकर बिंदास जीने का समय होता है। जबकि डायबिटीज के कारण ऐसा करना मुश्किल होता है, लेकिन इस जीवनशैली से जुड़ी बीमारी के प्रबंधन के लिए छोटे और आसान कदम उठाने से आपके स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है।
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए पोर्शन कंट्रोल करना काफी जरूरी है क्योंकि किसी भी फल को जरूरत से ज्यादा मात्रा में खाने से आपके ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ सकते हैं.
Besan For Diabetes: बेसन का सेवन करना क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित है? या उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए? आइए जानते है।
Curry Leaves Benefits In Diabetes: बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर करी पत्ते में ज्यादातर बीमारियों को दूर करने की ताकत होती है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी।
Diabetes Mistakes: कुछ चीजें डायबिटीज को ट्रिगर करती हैं। ऐसे में इनसे परहेज आपके लिए अच्छा रहेगा।
Yoga Mudras For Diabetes: डायबिटीज के दौरान अगर आप हाथ और पैर वाली कुछ मुद्रा ट्राई करते हैं तो इससे भी आपको काफी लाभ मिल सकता है और आपकी ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
नियमित फिजिकल एक्टिविटी और चिकित्सा उपचार के साथ इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से मधुमेह को प्रबंधित करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
योग एक सुगम तरीका है जो डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों के लिए योग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होता है।
होम रेमेडीज फॉर डायबिटीज: डायबिटीज किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए कई घरेलू उपायों के साथ साथ अजवाइन का पानी मददगार साबित हो सकता है।
Diabetes Diet In Winter In Hindi: सर्दियों का मौसम भी डायबिटीज को प्रभावित कर सकता है इसलिए इस मौसम में खुद को हेल्दी रखने के लिए यह टिप्स जरूर फॉलो करें।
Winter Vegetables for Diabetic Patients: अगर आप ब्लड शुगर के बढ़ने और घटने से परेशान हैं तो आपको सर्दियों में इन 5 सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
Habits to Control Diabetes: अगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर आप इस स्थिति को मैनेज कर सकते हैं।
Diabetes Control Kaise Kare: डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसे हम हेल्दी लाइफस्टाइल के द्वारा मैनेज कर सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों का जीवन काफी कठिन होता है क्योंकि वह शुगर लेवल को बढ़ने से बचाने के लिए अपनी मन पसंद की चीजें खा पी भी नहीं सकते हैं। आज जानें कैसे ब्लड शुगर को कम करने में मदद पाई जा सकती है।
Summer Drinks For Diabetic Patients: अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं और गर्मियों के लिए हेल्दी ड्रिंक्स का विकल्प तलाश रहे हैं तो जानिए इन 4 पेय पदार्थों के बारे में।
Vegetable Juice For Diabetes: डायबिटीज रोगियों के लिए अपना ब्लड शुगर कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल होता है, यहां हम आपको चार सब्जियों के जूस के बारे में बता रहे हैं, जो आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखेंगे।
टाइप टू डायबिटीज में अगर ब्लड शुगर को नियंत्रित ना रखा जाए तो वह आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है इसलिए जरूरी है कि आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं और आपको मीठी चीजें खाने का मन करता है तो जरूरी है कि आप इसके कारणों को समझें और उसे ठीक करने का प्रयास करें।
अगर आप अपने घटते बढ़ते ब्लड शुगर लेवल से परेशान हैं तो यहां हम आपको चार ऐसी टेस्टी चाय के बारे में बता रहे हैं जिनके सेवन से आप अपने ब्लड शुगर लेवल को आसानी से नियंत्रित रख पाएंगे।
त्योहारों पर डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान पर थोड़ा कंट्रोल करना चाहिए। हालांकि, ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। यदि आप जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) का आनंद पूरा उठाना चाहते हैं, तो खानपान में इन बातों को फॉलो करके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकते हैं।
आज विश्व हेल्थ दिवस (World Health Day) के मौके पर हम आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिनका सेवन डायबिटीज के मरीजों को नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है। जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। यहां पढ़ें कुछ ऐसे तरीके जिनसे इंसुलिन का स्तर नैचुरली बढ़ सकता है। (Tips to boost Insulin Sensitivity)
डायबिटीज खतरनाक रोग है, जो शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है, इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है चूंकि हमारे शरीर के हर हिस्से में रक्तसंचार होता है, इसलिए डायबिटीज होने पर शरीर का कोई भी हिस्सा खराब हो सकता है डायबिटीज होने पर हार्ट अटैक, किडनी के खराब होने और आंखों की रोशनी चले जाने की संभावना रहती है