बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ती जीवनशैली के कारण आजकल स्किन संबंधी समस्याएं भी काफी बढ़ गई है। वहीं कुछ लोगों को स्किन बहुत सेंसिटिव होती है और कई बार नया कॉस्मेटिक प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से भी उन्हें दिक्कत हो जाती है। हालांकि, त्वचा संबंधी कुछ रोग (Skin Disease) भी हैं, जो इन स्थितियों को और भी बदतर बना देते हैं और उनमें से एक है डर्मेटाइटिस। यह स्किन में सूजन का कारण बनने वाला एक रोग है, जिससे लाल चकत्ते भी बनने लगते हैं। डर्मेटाइटिस कई अलग-अलग प्रकार का होता है और इस कारण से इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में इससे त्वचा पर लाल निशान बनने लगते हैं और उनके ऊपर हल्की-हल्की सफेद पपड़ी भी आने लगते हैं। बहुत से लोग डर्मेटाइटिस को एक्जिमा समझ लेते हैं, लेकिन ये दोनों एक नहीं होते हैं। दरअसल, एक्जिमा सिर्फ डर्मेटाइटिस का एक प्रकार होते है। अगर आपकी स्किन पर लाल और सफेद निशान बन रहे हैं, तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। चलिए डर्मेटाइटिस के बारे में कुछ और जानकारी लेते हैं -
त्वचा पर होने वाली सूजन की समस्या को मेडिकल टर्म्स में डर्मेटाइटिस कहा जाता है और यह समस्या कई अलग-अलग प्रकार की हो सकती है। इसके प्रमुख प्रकार एटोपिक डर्मेटाइटिस, कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस, डायशिड्रोटिक डर्मेटाइटिस और सेबोरिक डर्मेटाइटिस हैं। हालांकि, कई बार डर्मेटाइटिस का प्रकार भी उसके कारण पर ही निर्भर करता है। इसके अलावा एलर्जी वाले पदार्थों के संपर्क में आना, तनाव और हार्मोन आदि में बदलाव भी इस रोग का कारण बन सकता है।
अगर डर्मेटाइटिस ज्यादा गंभीर नहीं है, तो उसका घर पर इलाज किया जा सकता है। जिन चीजों से आपको एलर्जी है उनके संपर्क में न आना ही इस रोग से बचाव करने का सही तरीका होता है। अधिक ठंडे या गर्म पानी के संपर्क में न आएं। स्वस्थ व अच्छी जीवनशैली आदतें अपनाने से भी काफी हद तक डर्मेटाइटिस के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
अगर घरेलू तरीकों से इस रोग के लक्षण नियंत्रित नहीं हो पा रहे हैं, तो जल्द से जल्द अपने नजदीकी डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्किन डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट आदि कराने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, इस दौरान लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं।
कुछ प्रकार के डर्मेटाइटिस के लक्षण अपने आप ठीक होने लगते हैं। उदाहरण के लिए कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस के मामलों में जब व्यक्ति एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के संपर्क में आना बंद कर देता है, तो उसके लक्षण भी अपने आप नियंत्रित होने लग जाते हैं। हालांकि, सभी मामलों में ऐसा होना जरूरी नहीं है और कई बार लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना पड़ सकता है।
डर्मेटाइटिस एक स्किन डिजीज है और अगर इसकी समय पर देखभाल न की जाए तो इससे गंभीर लक्षण पैदा हो सकते हैं। उदाहरण के लिए डर्मेटाइटिस को समय पर न करने पर इससे त्वचा की सूजन बढ़ जाती है और साथ ही खुजली, जलन व दर्द जैसे लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं।
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