कल्पना कीजिए कि आप खुद को घायल कर लेते हैं आपके हाथ में घाव हो जाता है जिससे तेज़ी से खून बह रहा है। चोट का इलाज करने की बजाय आप अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं। इससे पहले कि आपको अंदाजा हो घाव गहरा होने लगता है पहले से ज़्यादा दर्द और परेशानी होने लगती है। थोड़ी-सी देखभाल और इलाज से जो छोटी-सी बात सम्भाली जा सकती थी वह अब एक बहुत बड़ा घाव बन जाती है जिसके इलाज में अधिक समय लगेगा। शारीरिक घावों की तरह जब आप भावनात्मक तकलीफों को भी अनदेखा करते हैं तो आपके घाव