दिमाग और पेट पर एक साथ असर करने वाले कूर्मासन योग का बहुत महत्व है। इस योग को करते समय इंसान कछुआ के जैसा दिखता है इसलिए इसे कूर्मासन योग कहा जाता है। कूर्मासन योग करने से शरीर की आंतरिक ऊर्जा सक्रिय होती है जो इंसान को तनाव और डिप्रेशन की समस्या से दूर रखती है। अगर आपको भी किसी प्रकार का तनाव है तो आप इसे रोजाना की एक्सरसाइज में शामिल कर सकते हैं। कूर्मासन योग करने की कई विधियां है इसलिए हम यहां आपको तीन खास विधियों के बारे में बता रहे हैं।
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पहली विधि
सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं। फिर अपनी कोहनियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर हथेलियों को मिलाकर ऊपर की ओर सीधा रखें इसके बाद श्वास बाहर निकालते हुए सामने झुकिए और ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। इस दौरान दृष्टि सामने रखें और हथेलियों को ठोड़ी या गालों से स्पर्श करके रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद श्वास लेते हुए वापस आएं। यह आसन और भी कई तरीकों से किया जाता है, लेकिन सबसे सरल तरीका यही है।
दूसरी विधि
सबसे पहले दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को थोड़ा-सा ऊपर करके कमर के बल झुकते हुए दोनों हाथों को घुटनों के नीचे रखते हुए उन्हें पीछे की ओर कर दें। इस स्थिति में हाथों की बांहे घुटनों को स्पर्श करती हुई और हथेलियां पीछे की ओर भूमि पर टिकी हुई रहेगी।
इसके पश्चात्य धीरे-धीरे ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। यह स्थिति कुर्मासन की है। सुविधा अनुसार कुछ देर तक रहने के बाद वापस लौट आएं।
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तीसरी विधि
दोनों घुटनों को मोड़कर अर्थात वज्रासन में इस प्रकार बैठें कि पंजे सटे रहें और एड़ियां खुली रहें। इस अवस्था में नितंबों का भार एड़ियों पर डाल दें। अब हाथ के अंगूठे को शेष उंगलियों से दबाकर दोनों हाथों से मुट्ठियां बनाएं और दोनों मुट्ठियां नाभि के पास रखें। सांस छोड़ते हुए सिर को धीरे-धीरे आगे की ओर इतना झुकाएं कि छाती हाथ को स्पर्श करने लगे। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद, सांस भरते हुए सामान्य स्थिति में लौटें। तीन बार करें। कंधे, कोहनी या कूल्हों की समस्या हो तो न करें।
क्या हैं फायदे
कूर्मासन रोजाना करने से दिमाग पर असर होता है। डिप्रेशन के शिकार इंसान इसे करने से ठीक होते हैं। यह आसन डायबिटीज से मुक्ति दिलाता है क्योंकि इससे पेन्क्रियाज को सक्रिय करने में मदद मिलती है। यह आसन उदर के रोगों में भी लाभदयक है।
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