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सर्दी-खांसी (Cough and cold)

सर्दी और खांसी ऐसी संक्रामक रोग हैं, जो एक वयस्क व्यक्ति को एक साल में दो से तीन बार हो जाते हैं। वहीं बच्चों में यह रोग और भी तेजी से फैलता है और साल में तीन बार से भी अधिक समय तक हो सकता है। सर्दी और खांसी आमतौर पर संक्रमण का एक प्रकार होते हैं, जो आपकी नाक व गले में मौजूद कई अलग-अलग प्रकार के वायरस के कारण होते हैं। राइनोवायरस इसका कारण बनने वाले सबसे मुख्य वायरस हैं, जो सर्दी और खांसी के लक्षण पैदा करते हैं। हालांकि, इस संक्रमण से होने वाली सर्दी, जुकाम और खांसी के लक्षण काफी परेशान कर देते हैं, लेकिन ये शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। सर्दी खांसी से ग्रसित ज्यादातर लोग आमतौर पर 1 हफ्ते से 10 दिन के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। सर्दी खांसी में होने वाले लक्षण आमतौर पर गले, नाक और सांस से संबंधित होते हैं और अस्थमा, ब्रोन्किइक्टेसिस व सीओपीडी से ग्रसित लोगों को इसके होने का खतरा अधिक रहता है। सर्दी-खांसी के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है और अधिकतर लोग सामान्य देखभाल से ही ठीक हो जाते हैं।

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सर्दी-खांसी के लक्षण

ज्यादातर लोगों को वसंत और सर्दियों के मौसम में सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, किसी भी व्यक्ति को साल के किसी भी मौसम में यह संक्रमण हो सकता है। सर्दी-खांसी के साथ विकसित होने वाले लक्षण आमतौर पर एकदम से विकसित होने लगते हैं। सर्दी-खांसी से ग्रसित व्यक्ति इस बीमारी को 6 फीट से भी ज्यादा दूरी पर खड़े लोगों तक फैला सकता है। सर्दी-खांसी से होने वाले सामान्य लक्षणों में आमतौर पर निम्न को शामिल किया जा सकता है -


  • गले में दर्द होना

  • नाक बहना

  • गले, नाक व छाती में बलगम जमना

  • सूखी खांसी होना

  • ठंड लगना

  • थकान रहना

  • छींक आना

  • सिरदर्द होना

  • मांसपेशियों में दर्द रहना

  • जोड़ों में दर्द महसूस होना

  • हल्का बुखार होना


जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया गया है कि सर्दी-खांसी होने का खतरा वयस्कों से ज्यादा बच्चों में है और यह रोग बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। सर्दी-खांसी होने वाले कुछ लक्षणों के बारे में नीचे बताया गया है, जो वयस्कों से ज्यादा बच्चों में दिखाई देते हैं -

  • जी मिचलाना या मतली

  • उल्टी आना

  • दस्त लगना

  • चिड़चिड़ापन होना


डॉक्टर को कब दिखाएं


वैसे तो अधिकतर मामलों में सर्दी-खांसी का इलाज कराने की जरूरी नहीं होती है, क्योंकि यह उचित देखभाल के साथ घर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि, सर्दी-खांसी होने के बाद डॉक्टर से जांच कराने से काफी मदद मिल सकती है और साथ ही डॉक्टर आपको लक्षणों को नियंत्रित करने के कुछ टिप्स भी दे सकते हैं। अगर आपको सर्दी-खांसी से जुड़ी लक्षण लगातार गंभीर होते महसूस हो रहे हैं, तो ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए क्योंकि ऐसे में कई बार यह किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो दे सकता है।

सर्दी-खांसी के कारण

जैसा कि इस बारे में ऊपर भी जानकारी दी गई है कि सर्दी-खांसी की यह समस्या आमतौर पर संक्रमण के कारण होती है, जिसके पीछे का कारण कई अलग-अलग प्रकार के वायरस हो सकते हैं। ये इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमित व्यक्ति के बोलने, खांसने या छींक मारने के दौरान दूसरे व्यक्ति तक फैल जाते हैं। अगर सरल शब्दों में कहें तो छींकने, खांसने और बोलने के दौरान संक्रमित व्यक्ति के मुंह से द्रव की बेहद सूक्ष्म बूंदे निकल कर हवा में तैरने लगती हैं, इन बूंदों में सर्दी-खांसी का कारण बनने वाले वायरस होते हैं। इसके बाद जब कोई व्यक्ति सांस लेने के माध्यम से हवा में तैर रही इन बूंदों को अपने शरीर में ले जाते हैं, तो वे भी संक्रमित हो जाते हैं। इसके अलावा अगर ये द्रव की बूंदें किसी सतह पर जा टिकी हैं, तो उस सतह को छूने पर और फिर उसी हाथ से मुंह, नाक या आंख को छूने पर भी आप संक्रमित हो सकते हैं।

सर्दी-खांसी के जोखिम कारक

सर्दी-खांसी आमतौर पर उन लोगों को लिए ज्यादा जोखिम भरी हो सकती है, जो आमतौर पर पहले से ही निम्न बीमारियों से ग्रसित हैं -


  • अस्थमा

  • सीओपीडी

  • ब्रोन्किइक्टेसिस

  • सिस्टिक फाइब्रोसिस

  • क्रोनिक किडनी डिजीज

  • हार्ट डिजीज

  • डायबिटीज

  • गंभीर एनीमिया (सिकल सेल एनीमिया)

  • मोटापा

  • एचआईवी

  • लिवर डिसऑर्डर


इसके अलावा जो लोग कीमोथेरेपी या स्टेरॉयड ट्रीटमेंट ले रहे हैं, तो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है और सर्दी-खांसी जैसे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं छोटे बच्चों की इम्यूनिटी भी कमजोर होती है, जिस कारण से वयस्कों की तुलना में उन्हें यह रोग होने का खतरा अधिक रहता है।

सर्दी-खांसी का निदान

सर्दी-खांसी के निदान के लिए आमतौर पर आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है। ऊपर बताए गए लक्षणों के आधार पर आप खुद सर्दी-खांसी की समस्या का निदान कर सकते हैं। अगर आपको निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो ऐसे में डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।


  • लक्षणों में सुधार न होना या लगातार बढ़ना

  • कान में दर्द होना

  • सांस फूलना

  • सांस लेने में दिक्कत

  • निगलने में कठिनाई या दर्द

  • घरघराहट होना

  • त्वचा पर चकत्ते बनने लगना

  • खांसी के साथ गंभीर दर्द होना

  • ठंड लगना व कंपन होना

  • बुखार लगातार दो दिन से अधिक समय तक रहना

  • कई दिनों तक सिरदर्द होना

  • होठ, नाखून या त्वचा नीली पड़ जाना

  • भूख न लगना

  • उलझन महसूस हो

सर्दी-खांसी की रोकथाम

जैसा कि सर्दी-खांसी एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है, तो उसकी रोकथाम निम्न तरीके से की जा सकती है -


  • अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोने की आदत डालें, साबुन न होने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें

  • अपनी आँख, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथों को अच्छे से धो लें

  • जिन लोगों को सर्दी-खांसी के लक्षण हो रहे हैं, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें


अगर आप खुद सर्दी-खांसी से ग्रसित हो गए हैं, तो अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए आप निम्न नियमों का पालन कर सकते हैं -

  • जब तक आप पूरी तरह से ठीक न हों घर पर ही रहें

  • बीमार बच्चों को स्कूल या दूसरे बच्चों के साथ खेलने न दें

  • दूसरे व्यक्ति से कोई भी शारीरिक संबंध न बनाएं

  • छींकने, खांसने व बोलने के दौरान मुंह पर रुमाल या टिशू रख लें

  • छींकने, खांसने या नाक साफ करने के तुरंत बाद अपने हाथों को अच्छे से साफ करें

  • दरवाजे की कुंडी, खिलौने और मोबाइल आदि को समय-समय पर साफ करते रहें

सर्दी-खांसी का इलाज

सर्दी-खांसी के लिए किसी विशेष उपचार प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं पड़ती है, क्योंकि इसे घर पर देखभाल करके और घरेलू उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है। सर्दी-खांसी का इलाज करने के लिए नीचे कुछ खास तरीकों के बारे में बताया गया है -


  • पर्याप्त मात्रा में फलों को रस, गर्म पानी व अन्य पेय पदार्थ लेते रहें

  • शरीर को पूरा आराम दें और कोई भी अधिक मेहनत वाली गतिविधि न करें

  • गुनगुने पानी में नमक डालकर उसके गरारे करें

  • नियमित रूप से भाप लें और उसके लिए आप ह्यूमिडिफायर मशीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं

  • छोटे बच्चों की नाक को साफ करने के लिए रबर सक्शन बल्ब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है


हालांकि, अगर इन उपायों से लक्षण कम नहीं हो रहे हैं, तो आप मेडिकल स्टोर पर डॉक्टर की पर्ची के बिना मिलने वाली (ऑवर द काउंटर) नेजल स्प्रे व ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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