80 वर्षीय मरीज को गंभीर एंजिना की बीमारी के साथ उसकी एलएडी कोरोनरी आर्टरी में 90% ब्लॉकेज की समस्या थी। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे नई दिल्ली में वसंत कुंज स्थित सरोज कार्डिएक साइंसेस इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में भर्ती किया गया। अस्पताल में एडवांस शॉकवेव इंट्रावस्कुलर लीथोट्रिप्सी (आईवीएल) ट्रीटमेंट (Shock wave intravascular lithotripsy) की मदद से मरीज का सफल इलाज किया गया। शॉकवेव इंट्रावस्कुलर लीथोट्रिप्सी (आईवीएल) एक नई टेक्नोलॉजी (Shock wave intravascular lithotripsy in hindi) है जिसे भारत में हाल ही में लॉन्च किया गया था। दिल्ली का यह केस दूसरा मामला था जहां इस टेक्नोलॉजी का