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मकड़ी को देखकर अधिकतर लोग डर जाते हैं, खासकर महिलाएं। अब आपको मकड़ी से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आपकी सेहत को सुधारने के काम आएगी। नहीं समझे? दरअसल, हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मकड़ी के जाले से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को कम करने में मदद मिलेगी। माइक्रो कैप्सूल यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग और लुडविक मैक्जिमिलियान यूनिवर्सिटी (म्यूनिख) में यह अध्ययन किया गया है। अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि मकड़ी के जाले के रेशे से विकसित कैप्सूल कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकता है।
माइक्रो कैप्सूल यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग और लुडविक मैक्जिमिलियान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि मकड़ी के जाले के रेशे से बना कैप्सूल एक माइक्रो कैप्सूल है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं तक सीधे कैंसर वैक्सिन को पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। कैंसर से लड़ाई के लिए शोधकर्ता इस तरह की वैक्सिन का इस्तेमाल करते हैं, जो रोग प्रतिरोधक प्रणाली को सक्रिय कर सके। और ट्यूमर कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें नष्ट करने में मददगार साबित हो। हालांकि, प्रतिरक्षा तंत्र से जैसी प्रतिक्रिया की उम्मीद होती है, वैसी हमेशा मिल नहीं पाती है।
शोधकर्ताओं ने प्रतिरक्षा प्रणाली और खासकर कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने वाली टी लिम्फोसाइट कोशिकाओं पर वैक्सिन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मकड़ी के जाले के रेशे से निर्मित माइक्रो कैप्सूल बनाए हैं। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं के केंद्र तक सीधे वैक्सिन को पहुंचाने में सक्षम है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली में मुख्य रूप से दो तरह की कोशिकाएं होती हैं, बी लिम्फोसाइट और टी लिम्फोसाइट। बी लिम्फोसाइट विभिन्न संक्रमणों से लड़ाई करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। टी लिम्फोसाइट को कैंसर के अलावा टीबी जैसे कुछ संक्रामक रोगों के मामलों में सक्रिय करने की जरूरत होती है।
चित्रस्रोत: Shutterstock.