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World Breastfeeding Week: ब्रेस्टफीडिंग से बढ़ती है बच्चों की ब्रेन पॉवर, जानें क्या हैं शिशु के लिए स्तनपान के अन्य फायदे

World Breastfeeding Week:  ब्रेस्टफीडिंग से बढ़ती है बच्चों की ब्रेन पॉवर, जानें क्या हैं शिशु के लिए स्तनपान के अन्य फायदे

विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं ने बच्चों के  6 महीने तक केवल मां का दूध पिलाने के निर्देश दिए हैं। इससे, बच्चे के विकास में मदद होती है।  वहीं, कई स्टडीज़ का दावा है कि मां का दूध बच्चे के दिमाग को विकसित करने का काम करता है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : August 2, 2020 3:09 PM IST

World Breastfeeding Week: ब्रेस्ट मिल्क बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। यह बात आपने कई बार सुनी होगी। क्योंकि, एक्सपर्ट्स ब्रेस्टफीडिंग बच्चों के लिए सबसे आवश्यक मानते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं ने भी बच्चों के  6 महीने तक केवल मां का दूध पिलाने के निर्देश दिए हैं। इससे, बच्चे के विकास में मदद होती है।  वहीं, कई स्टडीज़ का दावा है कि मां का दूध बच्चे के दिमाग को विकसित करने का काम करता है। जी हां, एक स्टडी के अनुसार ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद कार्बोहाइड्रेट ओलिगोसैकाराइड2 एफएल कॉग्निटिव डेवलपमेंट में सहायक है।

क्या ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों का दिमाग होता है तेज़?

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (अमेरिका ) द्वारा किए गए एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है। इस रिसर्च में 50 न्यू मदर्स और उनके  बच्चों का अध्ययन किया गया। रिसर्चर्स ने ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद पोषक तत्वों के साथ-साथ जन्म के बाद पहले 6 महीनों में ब्रेस्टफीड करने वाले बच्चों के विकास पर ध्यान दिया।  24 महीने की उम्र तक पहुंचने के बाद बेले-3 स्केल की सहायता से बच्चों के दिमागी विकास की जांच की गयी। इस तरह के टेस्ट में बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट का पता  लगाने में मदद होती है। इन रिसर्चर्स के मुताबिक, ब्रेस्ट मिल्क में कुछ सैम्पल्स में ओलिगोसैकाराइड2 एफएल  का स्तर देखा गया। इस टेक्निक की सहायता से  दूध में पाए जाने वाले तत्वों की क्वालिटी और उसके आधार पर बच्चे के दिमागी विकास को समझने में मदद होती है।

जर्नल प्लस वन में छपी इस स्टडी में बताया गया कि, डिलिवरी के बाद पहले 3 महीनों में मां के दूध में मौजूद ओलिगोसैकाराइड2 एफएल का सीधा प्रभाव बच्चे के दिमागी विकास पर होता है। इससे, पता चलता है कि  जन्म के बाद ब्रेस्टफीड पाने वाले बच्चों के दिमाग का विकास बेहतर होता है। गौरतलब है कि, 2 साल तक की उम्र में बच्चों के दिमाग का विकास उसके भविष्य पर प्रभाव डालते हैं। जिससे, बच्चों को पढ़ाई-लिखाई और अन्य गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद होती है।

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ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे को होते हैं ये फायदे:

इम्यूनिटी बढ़ती है

विभिन्न रिसर्च में यह दावा किया गया है कि,  जन्म के बाद बच्चों को  6 महीने तक ब्रेस्टफीड कराने से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है। साथ ही इससे  डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल, सांस से जुड़ी समस्याओं और इंस्टेटाइल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बहुत कम हो जाता है। यही नहीं, इससे, बच्चे को इंफ्केशन्स और मौसमी बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है।

न्यूट्रिशन मिलता है

पहले  6 महीनों तक मां का दूध पीने वाले बच्चों को पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन मिलता है। ब्रेस्ट मिल्क में  बच्चे के लिए आवश्यक सभी प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स,  कैल्शियम,  आयरन समेत सभी पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। इसीलिए बच्चों को पर्याप्त पोषण मिलने से उनका विकास भी तेज़ी से होता है।

मोटापे से बचाता है

चाइल्डहुड ओबेसिटी यानि मोटापे से बचाने के लिहाज से भी ब्रेस्टफीडिंग फायदेमंद है। कुछ  रिसर्च के अनुसार, जो बच्चे बहुत दिनों तक ब्रेस्टफीड लेते हैं। उनमें,  मोटापे का खतरा बहुत कम होता हैं। इसीलिए, बच्चों को ब्रेस्टफीड करवाना चाहिए।

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