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Diet Tips for Breastfeeding mothers: शिशुओं के लिए ब्रेस्टमिल्क पौष्टिक होने के साथ-साथ उनके विकास में मददगार भी होता है। ब्रेस्टमिल्क का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना होना बच्चे के विकास के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसीलिए, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपनी डायट का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। महिलाओं को ब्रेस्टमिल्क उत्पादन के लिए जिन चीज़ों का सेवन करना चाहिए, उनमें कुछ पारम्परिक और देसी फूड्स भी हैं। जिन्हें, भारतीय घरों में हमेशा से प्रयोग किया जाता रहा है।(Diet Tips for Breastfeeding mothers in hindi)
घर में बना शुद्द देसी घी हर उम्र के लोगों के लिए एक सुपरफूड़ की तरह फायदेमंद है। ब्रेस्टफीडिंग मदर्द को भी घी का सेवन ज़रूर करना चाहिए। इससे, ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बेहतर होता है। यही नहीं, घी के सेवन से स्ट्रॉन्ग बोन्स भी मिलती हैं।
इन्हें, कमज़ोरी से बचाने वाला फल कहा जाता है क्योंकि, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की मात्रा खजूर में बहुत अधिक होती है। इसीलिए, यह ब्रेस्टफीडिंग के समय सेवन के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है। लैक्टेटिंग मदर्स 6-10 छुहारे(सूखे डेट्स) या पके हुए खजूर खा सकती हैं। (Diet Tips for Breastfeeding mothers)
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ताज़ी हरी मेथी की पत्तियां का सेवन ना केवल पोस्ट-प्रेगनेंसी डिटॉक्स के लिए अच्छी मानी जाती है। बल्कि, यह ब्रेस्ट मिल्क बनने में भी मदद करता है। इसीलिए, भारतीय घरों में बड़ी-बूढ़ी महिलाएं मेथी के लड्डू बनाकर न्यू मदर्स को खिलाती हैं। मेथी की पत्तियों की तरह मेथी के दाने(बीज) भी फायदेमंद होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को मेथी का साग खाना चाहिए। इसके अलावा मेथी के बीजों को भिगोकर उसका पानी पीएं।