अक्सर लोगों को देखते हैं कि सब कुछ ठीक होने बावजूद खुश नहीं रहते हैं। खुश रहना एक साइकोलॉजिकल क्रिया है। खुश रहने के लिए इसकी साइकोलॉजी के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। अगर आप अपने आस-पास की साइकोलॉजी को नहीं जान पाते हैं तो आप खुश नहीं रहते हैं। कभी-कभी यह भी देखा जाता है कि लोग अपने आप को लेकर बहुत नाकरात्मक होत जाते हैं। नकारात्मकता के आते ही आपके जीवन में दुःख का प्रवेश होने लगता है। हम यहां कुछ खास तरह के साइकोलॉजिकल नियम की बात करेंगे जो आपको प्रभावित करते हैं। आइए