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बालों के लिए ज्यादा खतरनाक है ड्राई शैम्‍पू, एक्सपर्ट से जानिए शैम्पू करने के नियम

बालों के लिए ज्यादा खतरनाक है ड्राई शैम्‍पू, एक्सपर्ट से जानिए शैम्पू करने के नियम

अगर किसी को पहले से त्‍वचा में रिएक्‍शन हुए हों, तो उसे ज्‍यादा ध्‍यान रखना चाहिये। कुछ लोग ड्राई शैम्‍पू के खास केमिकल्‍स या सामग्रियों को लेकर ज्‍यादा संवेदनशील हो सकते हैं और उन्‍हें इसके नियमित इस्‍तेमाल से बचना चाहिये।

Written by Atul Modi |Published : March 31, 2023 1:22 PM IST

भारत में बालों को साफ करने और उन्‍हें सुंदर बनाने के लिए हेयर शैम्‍पू का इस्‍तेमाल बेहद आम है। रिसर्च के मुताबिक, लगभग हर कोई शैम्‍पू का इस्‍तेमाल करता है, जिनमें से करीब 74% शैम्‍पू सिर की त्‍वचा की समस्‍याओं पर, जबकि 26% डैंड्रफ की परेशानियों पर फोकस करते हैं। जेडीसुप्रा प्रयोगशाला ने विभिन्‍न ड्राई शैम्‍पू पर परीक्षणों की एक श्रृंखला पूरी की है और पाया है कि 70% परीक्षित वस्‍तुओं में बेंज़ीन होता है। बेंज़ीन को मानवों में कैंसर पैदा करने वाले तत्‍व के रूप में पहचाना गया है, जिससे ल्‍युकेमिया और दूसरे ब्‍लड कैंसर हो सकते हैं। इस प्रकार स्‍वाभाविक है कि हर दिन ड्राई शैम्‍पू का इस्‍तेमाल करना सचमुच घातक है।

बहुत ज्‍यादा शैम्‍पू का इस्‍तेमाल करना हमारे बालों के लिये उतना ही घातक हो सकता है, जितना बहुत कम शैम्‍पू को इस्‍तेमाल करना। तो कितना शैम्‍पू बहुत ज्‍यादा होता है? आइये, हम अपना हेयर वाश रूटीन बनाने से पहले कुछ जरूरी कारकों को समझें।

ड्राई शैम्‍पू को इस्‍तेमाल करने के साइड इफेक्‍ट्स - Dry Shampoo Side effects

लाइसेंसी ट्राइकोलॉजिस्‍ट और एडवांस्‍ड ट्राइकोलॉजी के संस्‍थापक विलियम गॉनिट्ज़ के अनुसार, ड्राई शैम्‍पू एक समय के बाद सिर की त्‍वचा के माइक्रोबियोम को हटा सकता है। अगर नियमित रूप से इस्‍तेमाल किया जाए, तो डिहाइड्रेशन, त्‍वचा निकलना और खुजली हो सकती है। साथ ही दूसरी बीमारियां बढ़ सकती हैं, जैसे- डेमोडेक्‍स (ह्यूमन हेयर माइट्स) या सेबोरीक डर्मेटाइटिस।

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चूंकि ड्राई शैम्‍पू सिर की त्‍वचा को नहीं धोता है, इसलिये हेयर फॉलिकल्‍स में जमकर फॉलिक्‍युलाइटिस का कारण बन सकता है। फॉलिक्‍युलाइटिस में सिर के बालों के ग्रोथ फॉलिकल्‍स में जलन होती है। इससे त्‍वचा में खुजली हो सकती है और सिर के ऊपरी भाग पर छोटे-छोटे लाल या सफेद दाने हो सकते हैं।

अगर किसी को पहले से त्‍वचा में रिएक्‍शन हुए हों, तो उसे ज्‍यादा ध्‍यान रखना चाहिये। कुछ लोग ड्राई शैम्‍पू के खास केमिकल्‍स या सामग्रियों को लेकर ज्‍यादा संवेदनशील हो सकते हैं और उन्‍हें इसके नियमित इस्‍तेमाल से बचना चाहिये।

शैम्‍पू लगाने का नियम - How To Apply Shampoo Correctly

मुख्य रूप से शैम्‍पू की जरूरी मात्रा हमारे बालों के प्रकार और सिर की त्‍वचा पर निर्भर करती है, लेकिन दूसरे कारकों, जैसे कि बालों की लंबाई, मैल और तेल की भी एक भूमिका होती है। शैम्‍पू की अच्‍छी मात्रा सामान्‍य रूप से तेलीय बालों और त्‍वचा वालों के लिये जरूरी होती है, ताकि सिर अच्‍छी तरह से साफ हो जाए और अतिरिक्‍त तेल हट सके। सूखे या सामान्‍य बालों और सिर के लिये कम शैम्‍पू का इस्‍तेमाल होना चाहिये, ताकि बालों के प्राकृतिक तेल न हटें। ज्‍यादा शैम्‍पू से त्‍वचा सूख सकती है, उसमें खुजली हो सकती है और बाल झड़ सकते हैं। इससे सिर की त्‍वचा का प्राकृतिक तेल और नमी हट सकती है और उसका नम रहना कठिन हो सकता है।

इसके अलावा, शैम्‍पू के केमिकल्‍स, जैसे कि सल्‍फेट्स और पैराबेन्‍स सिर की त्‍वचा में खुजली पैदा कर सकते हैं और अतिरिक्‍त कठिनाइयां दे सकते हैं। महिलाएं हाल ही में ड्राई शैम्‍पू की ओर आकर्षित हुई हैं। यह एक हेयर प्रोडक्‍ट है, जो सिर की त्‍वचा से तेल को सोख लेता है और हमें उसे धोने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि चिकित्‍सकों का दावा है कि ड्राई शैम्‍पू के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से बैक्‍टीरिया बढ़ते हैं और बाल झड़ते हैं।

होम्‍योपैथिक शैम्पू हो सकते हैं बेहतर

होम्‍योपैथिक शैम्‍पू ऐसे लोगों के लिये बेहतरीन विकल्‍प हैं, जो बालों की देखभाल के लिये ज्‍यादा प्राकृतिक और संपूर्ण तरीका चाहते हैं। इन शैम्‍पू में बॉटेनिकल सामग्री होती है, जो सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिये परखे जाते हैं और इनमें पैराबेन, सल्‍फेट्स और एसएलईएस नहीं होते हैं।

होम्‍योपैथिक सामग्रियां बालों और सिर की त्‍वचा की सेहत को कई फायदे देती हैं:

  • होम्‍योपैथिक शैम्‍पू प्राकृतिक, सौम्‍य सामग्रियों से बनते हैं, जो रोजाना इस्‍तेमाल के लिये सुरक्षित हैं। इनमें कठोर केमिकल्‍स और सिंथेटिक फ्रैगरेंस नहीं होती हैं, जो सिर की त्‍वचा में खुजली पैदा कर सकती हैं और जरूरी तेलों को हटा सकती हैं।
  • होम्‍योपैथिक सामग्रियों वाले शैम्‍पू में सिर की त्‍वचा को नम रखने और पोषित करने का फार्मूला होता है, वे प्राकृतिक तेलों और पादप सारों से प्रचुर होते हैं और सिर की त्‍वचा को हाइड्रेटेड और स्‍वस्‍थ रखने में मदद कर सकते हैं।
  • वैकल्पिक औ‍षधियों पर आधारित यह शैम्‍पू सिर की त्‍वचा को शांति देते हैं और उस पर सौम्‍य रहते हैं। इनमें से कई हेयर क्‍लींजर्स में कैमोमाइल, लैवेंडर और रोज़मैरी जैसी सामग्रियां होती हैं, जिनके गुण शांति देते हैं और जलन से राहत देते हैं।
  • होम्‍यो-शैम्‍पू में मौजूद आर्निका, थुजा ऑसिडेंटालिस (सफेद सीडर), बर्डोक रूट, कैप्सियम सार, आंवला और रोज़मैरी जैसे अवयव सिर की त्‍वचा को स्‍फूर्ति देते हैं और बालों की स्‍वस्‍थ वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
  • होम्‍योपैथिक सामग्रियों से बने शैम्‍पू मजबूत रहने में बालों की मदद करते हैं और उन्‍हें स्‍वस्‍थ रखते हैं। प्राकृतिक सामग्रियों (जैसे कि वाटरक्रेस, इंडियन क्रेस, आंवला और जिनसेंग, आदि) से बने यह हल्‍के शैम्‍पू सूखे, ढीले और बेजान बालों में जान डालते हैं और आपके लिये ''गुड हेयर डे'' बनाते हैं।

(Inputs By: Padma Shri Dr. Mukesh Batra, Founder and Chairman of Dr. Batra Healthcare)

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