अगर दही खाना आपको पसंद है तो यह अच्छी बात है क्योंकि इसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ अफवाहों के बारे में आपने भी जरूर सुना होगा जिसके कारण इसे खाएं या फिर न खाएं, यह संदेह की स्थिति बनने लगती है। बहुत से लोग दही को गलत ढंग से खाते हैं और इस प्रकार उन्हें लाभ की बजाए नुकसान पहुंचने लगता है। बहुत से लोग यह मानते हैं कि दही प्रकृति में ठंडी होती है और इसलिए इसे गर्मियों में ही खाना चाहिए, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। आइए जानते हैं आयुर्वेद का इस बारे में क्या कहना है।
दरअसल, आयुर्वेद के मुताबिक दही की प्रकृति गर्म होती है, यह वजन बढ़ाने में मदद करती है और इसे रोजाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे पचाने में काफी मेहनत लगती है और यह काफी हैवी होती है।
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आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, दही में फैट की मात्रा ज्यादा होती है और यह वजन बढ़ाने में मदद करती है। यह शरीर को मजबूत करने में भी लाभदायक है। यह कफ और पित्त को बढ़ाने में सहायक मानी जाती है। अग्नि को बढ़ाने में भी यह लाभदायक है।
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