सदियों से शास्त्रों में गोमूत्र को पवित्रता के कोटी में स्थान दिया गया है। लेकिन मूत्र की बात सुनते ही लोगों को ये लगता है कि शरीर का ये निष्कासित अवशिष्टांश कैसे सेहत के नजरिये से लाभकारी हो सकता है? लेकिन जिसको गाय अपने शरीर से बाहर निकाल देती है वह मूत्र मनुष्य के लिए अमृत के समान होता है। असल में आयुर्वेद में गोमूत्र को महाऔषधि माना गया है। क्योंकि इसमें इतने पोषक तत्व हैं कि विभिन्न रोगों के निराकरण के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसी आधार पर कई वैज्ञानिक अनुसंधान किये गए हैं जिससे ये साबित