मौसम में बदलाव के साथ वायरल फीवर, खांसी-जुकाम, सिर दर्द एक आम समस्या है, जो अक्सर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है। दो-चार दिन में वायरल फीवर तो ठीक हो जाता है मगर खांसी अपना भयंकर रूप ले लेती है। अधिकांश लोग सूखी खांसी (Dry Cough) शिकार हो जाते हैं। सूखी खांसी लंबे समय तक रहने वाली है वैसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को खांसते समय कफ नहीं निकलता है और गला सूखा रहता है, जिसके कारण कई बार गले में घाव भी हो जाता है। मगर घबराने की बात नहीं है। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां ऐसी हैं जो सूखी खांसी से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
सूखी खांसी जब अनियंत्रित हो जाए तब आपको अनार के छिलके का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले अनार के छिलकों को दो-तीन दिन तक धूप में सूखने के लिए रख दीजिए। जब छिलकों की सारी नमी चली जाए तो इसे शहद से भरे जार में डाल दें। जब आपको सूखी खांसी सताए तब अनार के छिलके को मुंह में रखकर चबायें। छिलके को निगले नहीं। ऐसा करने से आपको तुरंत राहत मिलेगी।
अगर आपको बार-बार सूखी खांसी सताए तो आप इसके लिए एक आयुर्वेदिक कैंडी भी बना सकते हैं। कैंडी को बनाने के लिए अदरक, सौंफ, पुदीने के ताजे पत्ते लें और उन्हें बारीक पीसकर पेस्ट बना लें। इसके अलावा थोड़ा सा मिश्री का पाउडर बना लें। इस पेस्ट की छोटी-छोटी गोलियां बना लें और इसमें ऊपर से मिश्री का पाउडर कोर्ट करें इन गोलियों को थोड़ी देर सूखने दें और किसी छोटे जार में स्टोर करें। जब भी आपको खांसी सताए तो आप इसमें से एक गोली ले कर खाएं।
यदि आपको रात में सोते समय सूखी खांसी आए तो आप इसके लिए मुलेठी और सौंफ का चूर्ण बनाकर खा सकते हैं। इसके लिए मुलेठी सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोज रात सोने से पहले शुद्ध शहद के साथ में अगर आपके पास शायद नहीं है तो आप गुनगुने पानी से ले सकते हैं।
सूखी खांसी में पुदीने के पत्ते बहुत ही कारगर हैं। यदि आप बिना दर्द के खांसी का अनुभव करते हैं तो आप कुछ पुदीने के पत्ते लेकर उन्हें मुंह में रखें। इन पत्तों को निगलने है चबाने से बचें।
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