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15% लोगों को है इनफर्टिलिटी की समस्या, अश्वगंधा और शतावरी करती हैं समस्या को दूर

15% लोगों को है इनफर्टिलिटी की समस्या, अश्वगंधा और शतावरी करती हैं समस्या को दूर
15% लोगों को है इनफर्टिलिटी की समस्या, अश्वगंधा और शतावरी करती हैं समस्या को दूर

स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आज हम आपको इनफर्टिलिटी को सही करने के लिए कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : October 26, 2020 8:06 PM IST

दुनियाभर में करीब 15% लोग इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं। विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में यह संख्या अधिक पाई जाती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विकसित देशों की तुलना में कुछ विकासशील क्षेत्रों में इनफर्टिलिटी तीन गुना अधिक है। हालांकि इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे कि स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आज हम आपको इनफर्टिलिटी को सही करने के लिए कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

दालचीनी की जड़ का अर्क

माना जाता है कि दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करती है, जो महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) का कारण बनती है। आंकड़े बताते हैं कि 10 में से 1 महिला पीसीओएस का शिकार होती है, जो इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण बनता है। दालचीनी भारी मासिक धर्म के रक्तस्राव को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है। दालचीनी की जड़ के अर्क को टिंचर के रूप में लिया जा सकता है या छाल को कैप्सूल बनाने के लिए पीसा जा सकता है।

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हार्मोनल असंतुलन को सही करती है शतावरी

शतावरी, जिसे शतावरी रेसमोसस के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग भारत में सदियों से इनफर्टिलिटी के उपचार के लिए किया जाता रहा है। 2018 में बायोमेडिसिन और फार्माकोथेरेपी में प्रकाशित एक पेपर ने सुझाव दिया कि यह जड़ी बूटी हार्मोनल असंतुलन और पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी स्थितियों में सुधार कर सकती है। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में भी मदद करता है। इसका सेवन अर्क के रूप में या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है।

प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है अश्वगंधा

अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है और इसका उपयोग कई बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता है। वैसे तो इस हर्ब के कई लाभ हैं लेकिन यह महिलाओं और पुरुष दोनों में फर्टिलिटी को एक्टिव करती है। इसके सेवन से पुरुषों और महिलाओं दोनों में स्वस्थ प्रजनन प्रणाली करने की क्षमता बढ़ती है। तनाव महिला हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि तनाव हार्मोन कोर्टिसोल प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है और प्रजनन क्षमता और स्वस्थ मासिक धर्म चक्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अश्वगंधा तनाव से निपटने और प्रजनन क्षमता में सुधार करने में आपके शरीर की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।